महाकुंभ भगदड़ के बाद पुजारी संघ ने उठाई ये मांग, सीएम मोहन को पत्र लिखकर दिए सुझाव

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को सुझाव पत्र भेजा है, जिसमें सिंहस्थ 2028 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात की गई है।

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Vikram Jain
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प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ ने 30 श्रद्धालुओं की जान ले ली, जिससे पूरा देश स्तब्ध है। अब ऐसी कोई हादसा उज्जैन सिंहस्थ 2028 में ना हो इसके लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने एक सुझाव पत्र भेजा है, जिसमें सिंहस्थ कुंभ 2028 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की मांग की गई है। महासंघ ने स्नान के समय अखाड़ों की पेशवाई और VIP एंट्री प्रतिबंधित करने सुझाव दिया है।

सिंहस्थ 2028 के लिए पुजारी महासंघ के सुझाव

अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पुजारी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि 2028 में उज्जैन में लगने वाले सिंहस्थ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ अहम बदलाव किए जाएं। उन्होंने खास तौर पर स्नान के समय अखाड़ों की पेशवाई को बंद करने का प्रस्ताव रखा है। उनका मानना है कि जब तेरह अखाड़े अपनी पेशवाई लेकर रामघाट पर जाते हैं, तो आम श्रद्धालु को असुविधा होती है। उस दौरान श्रद्धालुओं के नदी क्षेत्र में जाने से रोक लगाई जाती है। जिससे भीड़ का दबाव बढ़ता है और स्थिति भगदड़ का रूप ले सकती है।

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साधुओं को बिना वैभव के स्नान करने का सुझाव

अध्यक्ष महेश पुजारी ने बताया कि  सिंहस्थ 2028 के बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन आने वाले हैं, सभी श्रद्धालुओं के साथ समान व्यवहार किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि संत परंपरा त्याग का प्रतीक हैं और स्नान करने जाने में किस बात का वैभव और प्रदर्शन? जब क्षिप्रा नदी के हर घाट को पवित्र माना जाता है, तो अलग-अलग स्थानों पर तेरह अखाड़ों के लिए स्नान का व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्नान के समय केवल सनातन धर्म के चारों शंकराचार्यों को ही रामघाट पर स्नान की अनुमति दी जानी चाहिए, अन्य अखाड़ों को नहीं। जबकि अन्य सभी वीआईपी और वीवीआईपी के प्रवेश पर मेला क्षेत्र में प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं को आस्था के साथ क्षिप्रा में स्नान का लाभ मिल सके।

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भगदड़ में मारे गए श्रद्धालुओं को दी श्रद्धांजलि

महासंघ ने सुझाव दिया कि स्नान के समय अखाड़ों की पेशवाई को बंद किया जाना चाहिए और साधु संतों को साधारण रूप से अपने अनुयायियों, यजमानों के बिना पैदल ही स्नान करने जाना चाहिए। पुजारी महासंघ ने यह भी कहा कि यदि सरकार इन सुझावों को सिंहस्थ 2028 में लागू करती है तो इससे न केवल भगदड़ की घटनाओं को रोका जा सकेगा, बल्कि उज्जैन और सरकार का नाम विश्व स्तर पर रोशन होगा। महासंघ ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ में मारे गए सभी श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

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