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प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हैं। प्रशासन ने 20 घंटे बाद आधिकारिक आंकड़े जारी किए। मध्य प्रदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक यहां बुधवार को हुई भगदड़ में प्रदेश के चार लोगों की मौत हो गई और लापता लोगों की संख्या 3 बताई जा रही है।
इस हादसे में ग्वालियर के टेकनपुर निवासी कामता पाल, रायसेन के गैरतगंज के मोहनलाल अहिरवार (45) और इटारसी के उमेश सराठे (48) की मौत की पुष्टि उनके परिजनों ने की है। छतरपुर के सुनवाहा गांव से स्नान के लिए आईं हुकुम बाई लोधी भी भगदड़ में जान गंवा बैठीं, जबकि उनकी बेटी दीपा (19) घायल हो गईं। इसी तरह, बकस्वाहा के बुजुर्ग दंपती हरि साहू (58) और शकुंतला (55) लापता हैं। वहीं, चित्रकूट के तरौहा के एक व्यक्ति ने अपने बहनोई चंद्रपाल कुशवाहा की मौत की जानकारी दी।
भगदड़ के पीछे पुलिस की लापरवाही?
वहीं, छतरपुर की लक्ष्मी ने दावा किया कि पुलिस की लाठीचार्ज और जबरन स्नान करवाने की कोशिश के चलते भगदड़ मची। उन्होंने कहा, "रात 11 बजे पुलिस आई और लाठी से जगाकर जबरदस्ती स्नान करने को कहा। हमने मना किया, लेकिन पुलिस ने गाली देकर भगा दिया। जब हम नहाने पहुंचे, तो भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे मेरी देवरानी हुकुमबाई गिर पड़ीं और उनकी मौत हो गई।"
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संगम नोज: कुंभ का सबसे पवित्र स्थल
संगम नोज वह जगह है जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं। इसे कुंभ स्नान का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है। इसका आकार नोज (नाक) की तरह होने के कारण इसे संगम नोज कहा जाता है। हर बार कुंभ में इस घाट का विस्तार किया जाता है। इस बार यहां प्रति घंटे दो लाख श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था की गई थी।
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भगदड़ क्यों मची?
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ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के लिए रात में ही घाटों पर कब्जा कर लेना।
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सभी त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाना चाहते थे, जिससे बैरिकेडिंग तोड़ी गई।
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वीआईपी मूवमेंट के कारण रास्ते बार-बार बंद होने से श्रद्धालुओं में खीज बढ़ी।
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स्नान के बाद निकलने का रास्ता जाम होने से अफरा-तफरी मच गई।
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आगे ऐसी घटनाएं रोकने के लिए सुझाव
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टाइम स्लॉट सिस्टम: श्रद्धालुओं के स्नान के लिए समय तय किया जाए।
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बेहतर बैरिकेडिंग: संगम नोज पर पौराणिक महत्व के कारण बैरिकेडिंग नहीं की जाती, इसे लागू किया जाए।
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अन्य घाटों का प्रचार: श्रद्धालुओं को दूसरे स्नान घाटों के बारे में जानकारी देकर भीड़ को नियंत्रित किया जाए।
श्रद्धालुओं की एंट्री पर लगी रोक
मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ की स्थिति बनते ही प्रशासन ने प्रयागराज में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। रीवा और सतना के 10 से ज्यादा जगहों पर हजारों वाहनों को रोक दिया गया। रीवा के चाकघाट बॉर्डर पर 30 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जबकि सतना के चित्रकूट बॉर्डर पर भी वाहन रोके गए। प्रशासन ने फंसे हुए श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी रैन बसेरों की व्यवस्था की, लेकिन भीड़ ज्यादा होने के कारण पास के विवाह घर को भी खोला गया। सुरक्षा कारणों से रेलवे ने आनंद विहार-रीवा और रीवा-आनंद विहार ट्रेनों को रद्द कर दिया, जबकि छतरपुर से प्रयागराज जाने वाली ट्रेन पर हुए पथराव के कारण इसे भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।
सीएम ने किया आर्थिक सहायता का ऐलान
एमपी के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और हुकुम बाई लोधी के परिजनों को आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया।
आज प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर घटित दुर्घटना में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की हुकुमबाई लोधी जी सहित अनेक श्रद्धालुओं के असमय काल-कवलित एवं घायल होने का समाचार हृदय विदारक है। मृतका के परिजनों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से ₹2 लाख की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की है।…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 29, 2025
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