पुणे हिट एण्ड रन केस: दो इंजीनियर्स की जान लेने वाले को सिर्फ निबंध लिखने की सजा...क्या ये सही है?

देश-दुनिया। महाराष्ट्र के पुणे में हिट एंड रन केस का मामला सामने आया है। इसमें एक रईसजादे ने अपनी तेज रफ्तार कार से मध्यप्रदेश के दो इंजीनियर की जान ले ली। वहीं कोर्ट ने इस मामले में नाबालिग आरोपी को मामूली सजा के साथ रिहाई दे दी... 

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Jitendra Shrivastava
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JABALPUR. शराब, लग्जरी कार और ओवर स्पीड ने महाराष्ट्र के पुणे में मध्यप्रदेश के दो इंजीनियर्स की जान ले ली। रईसजादे की इस करतूत पर उसे सिर्फ निबंध लिखने की सजा मिली? क्या ये सही है। ये तब है, जब नाबालिग आरोपी का शराब पीते हुए वीडियो वायरल हुआ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पोर्शे कार की स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा था। कुल मिलाकर यह तो तय है कि यह एक हादसा भर नहीं, बल्कि रईसी में बिगड़े एक साहबजादे की करतूत है। 

सांसद संजय राउत ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल 

दरअसल, पुणे हिट एण्ड रन केस में अब सवाल खड़े हो रहे हैं। दो मौतों के जिम्मेदार नाबालिग की रिहाई पर पीड़ितों के घर वालों ने सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया पर लोग भी सवाल पूछ रहे हैं कि क्या दो मासूमों की जान लेने वाले को सिर्फ यही सजा काफी है। शिवसेना (उद्धव गुट) नेता व राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस प्रकरण में पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पुणे पुलिस कमिश्नर को सस्पेंड किया जाना चाहिए। राउत ने कहा कि कमिश्नर ने आरोपी को बचाने की कोशिश की है। आरोपी लड़के को 2 घंटे में बेल (जमानत) मिल गई। पहली बार में उसकी मेडिकल रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है, जबकि युवक के शराब पीने के वीडियो वायरल हुए हैं। राउत ने यह भी कहा कि आखिर आरोपी की मदद कौन कर रहा है? 

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अश्विनी और अनीश का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार 

दरअसल, पुणे हिट एण्ड रन केस के बाद जबलपुर की अश्विनी कोष्टा और उमरिया के अनीश अवधिया के शव सोमवार देर शाम घर पहुंचे। मंगलवार को दोनों का दाह संस्कार किया गया। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। अश्विनी और अनीश की मौत 18 मई की रात 2.15 बजे पुणे में हुई थी। दोनों रेस्टोरेंट से निकलकर बाइक से जा रहे थे, तभी कल्याणी नगर के पास हाई स्पीड पोर्शे कार ने दोनों को कुचल दिया था। कार पुणे के एक नामी बिल्डर का बेटा चला रहा था। वह नशे में धुत था। इसी वजह से हादसा हुआ और अश्विनी तथा अनीश की मौत हो गई। 

निबंध लिखने की सजा, क्या सही है?

इस पूरे प्रकरण में कोर्ट (किशोर न्याय बोर्ड) ने नाबालिग आरोपी को घटना के 15 घंटे के अंदर जमानत दे दी। उसे एक्सीटेंड पर निबंध लिखने की मामूली सजा दी गई। बाद में पुलिस ने नाबालिग के पिता और बिल्डर विशाल अग्रवाल को संभाजीनगर से हिरासत में लिया। जिस बार में नाबालिग ने शराब पी थी, उसके मालिक और मैनेजर को भी पकड़ लिया गया है। अब सवाल यही है कि नशे में धुत बेलगाम रफ्तार से दो युवाओं की जान लेने वाला सिर्फ निबंध लिखकर बच जाएगा और पीड़ित परिवार जीवनभर के लिए दर्द सहेगा? क्या यह सही है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर नई बहस छिड़ गई है।

रविवार को कौन सा कोर्ट खुलता है?

अश्विनी और अनीश के परिजनों का रो-रोककर बुरा हाल है। उनका सवाल है कि आरोपी कार ड्राइवर नाबालिग है तो क्या? रविवार के दिन कौन सा कोर्ट खुलता है और प्रशासन क्या कर रहा है? सवाल फिर वही है कि क्या पुलिस ने केस में ढिलाई बरती या लचर कानून की वजह से आरोपी बच निकला? हादसे में जान गंवाने वाले दो लोगों के परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को यह सवाल परेशान कर रहा है। 

पुलिस की कार्यशैली पर भी उठे सवाल 

दूसरी बड़ी बात यह भी है कि प्रारंभिक जांच में पुलिस ने कहा था कि आरोपी ने शराब नहीं पी, लेकिन अब आरोपी का रेस्टोरेंट में बैठकर शराब पीते हुए सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। अब पुलिस मामले की लीपापोती में जुट गई है। तरह—तरह के जतन किए जा रहे हैं। अब पुलिस ने हाईकोर्ट से आरोपी पर वयस्क यानी बालिग अभियुक्त के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति भी मांगी है। कुल मिलाकर यह मामला देशभर में चर्चित है।

परिजन बोले- लड़के, उसके पेरेंट्स को सजा मिले

अश्विनी के पिता सुरेश कोष्टा ने कहा, बच्चे को कार दे दी, यह गलत है। हमारे बच्चे जब तक बालिग नहीं हुए, हमने उन्हें गाड़ी नहीं दी। भाई सम्प्रित ने बताया, अश्विनी ने पुणे से पढ़ाई की थी, फिर वहीं जॉब करने लगी। आखिरी बात पापा से हुई थी। उसने बताया था कि पार्टी में जाएंगे। उसी दिन रात हादसे की खबर आई। वहीं, अनीश के दादा आत्माराम अवधिया ने आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। 

बस पिता अमीर होना चाहिए क्या?

इस हाईप्रोफाइल घटना के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की रिएक्शन आ रही हैं। लोग आरोप लगा रहे हैं कि अमीरों के लिए कोई नियम नहीं है। कोई कह रहा है कि आप भारत में शराब पीकर गाड़ी चला सकते हैं, यह अब आधिकारिक है। बस एक शर्त है कि आपके पिता बहुत अमीर हों। एक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या गाड़ी चलाते हुए किसी की हत्या कर देने पर निबंध लिखने भर की सजा काफी है? लोग जुवेनाइल बोर्ड के आदेश की ट्रोलिंग भी कर रहे हैं। एक्स पर सवाल पूछे जा रहे हैं कि क्या निबंध लिखना आने पर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जा सकता है?

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मध्यप्रदेश के दो इंजीनियर्स की मौत

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