/sootr/media/media_files/2025/09/10/himachla-landslide-2025-09-10-17-23-26.jpg)
Photograph: (the sootr)
पंजाब के 23 जिले अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं, और 2000 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। केंद्र सरकार ने पंजाब को ₹1600 करोड़ की मदद का ऐलान किया है।
जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को 16 दिन बाद यातायात के लिए खुल गया, लगातार लैंडस्लाइड के कारण यह मार्ग बंद था। इस मार्ग के प्रारंभ हो जाने से कश्मीर घाटी से फल और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति देश के अन्य इलाकों तक हो सकेगी।
लद्दाख के सियाचिन बेस कैम्प में हिमस्खलन में 3 जवान शहीद हो गए। हरियाणा में 9 सितंबर तक सामान्य से 46% ज्यादा बारिश हुई है, और यमुनानगर में अब तक सबसे ज्यादा 1080.8mm बारिश रिकॉर्ड की गई।
गुजरात के बनासकांठा सहित 3 जिलों में पिछले 2 दिनों में 16 इंच से ज्यादा बारिश हुई है, जिससे वाव-थराद और सुईगाम तालुका में बाढ़ आ गई है, और दर्जनों गांवों में 5 फीट तक पानी भर गया है।
पंजाब के 2000 से ज्यादा गांवों में पानी की मार
हालिया बाढ़ ने पंजाब के 23 जिलों को अपनी चपेट में लिया है। अभी भी 2000 से ज्यादा गांवों में बाढ़ का पानी जमा हुआ है, जिससे स्थानीय लोग गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई गांवों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए ₹1600 करोड़ की आर्थिक मदद का ऐलान किया है, लेकिन हालात अब भी भयावह हैं।
यह खबरें भी पढ़ें...
मप्र बिजली कंपनी के सहायक ग्रेड 3 पदों की रूकी ज्वाइनिंग कब तक होगी, हाईकोर्ट ने यह दिए आदेश
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान | इस मामले में दो राज्य हो गए बदनाम, एक ने सुधार ली छवि !
बाढ़ के कारण
पंजाब में मानसून के दौरान अत्यधिक बारिश और सतलुज नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण यह बाढ़ आई है। इसके अलावा, अवैध रेत खनन और बांधों की मरम्मत न होने की वजह से हालात और भी गंभीर हो गए हैं। लुधियाना जैसे शहरों में 350 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि बाढ़ में डूब चुकी है।
प्रशासन का कहना है कि ड्रोन की मदद से बाढ़ के क्षेत्रों पर निगरानी रखी जा रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अव्यवस्थाएं बनी हुई हैं।
राहत कार्यों में तेजी
केंद्र सरकार ने पंजाब को ₹1600 करोड़ की मदद का ऐलान किया है ताकि राज्य में राहत कार्यों को तेज किया जा सके। इसके साथ ही, पंजाब सरकार भी प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविरों का संचालन कर रही है। हालांकि, नुकसान इतना बड़ा है कि इसे ठीक होने में समय लगेगा।
मध्य प्रदेश: तेज बारिश का अलर्ट
मध्यप्रदेश में तेज बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मानसून टर्फ के कमजोर होने से कुछ जिलों में बारिश हो रही है, जबकि बाकी इलाकों में धूप भी खिली हुई है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना जताई है।
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 16 दिन बाद हुआ चालू
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग जम्मू घाटी के लिए जीवनरेखा माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार लैंडस्लाइड की वजह से यह मार्ग बंद था। 16 दिन बाद, इस महत्वपूर्ण हाईवे को यातायात के लिए फिर से खोल दिया गया। इस मार्ग के बहाल होने से कश्मीर घाटी को आवश्यक वस्तुओं और फलों की आपूर्ति दोबारा शुरू हो सकी है।
कश्मीर घाटी में आपूर्ति संकट
जम्मू-श्रीनगर हाईवे के बंद होने से कश्मीर घाटी में खाद्य पदार्थों, फलों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में भारी संकट था। खासकर फलों की खेप को कश्मीर घाटी से बाहर भेजने में कठिनाई हो रही थी। अब मार्ग खुलने से स्थिति में सुधार हो सकता है।
यह खबरें भी पढ़ें...
एमपी में बारिश का दौर जारी, बड़वानी में लैंडस्लाइड, कई वाहन जाम में फंसे, भदभदा डैम के गेट खुले
हरियाणा में 46% ज्यादा बारिश
हरियाणा में इस साल 9 सितंबर तक सामान्य से 46% ज्यादा बारिश हो चुकी है। राज्य में औसतन 385.1 मिमी बारिश होती थी, लेकिन अब तक 563.8 मिमी बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1080.8 मिमी दर्ज की गई है। इस अत्यधिक बारिश से न केवल फसलें बर्बाद हुईं, बल्कि बाढ़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो गई है।
हरियाणा के प्रभावित क्षेत्र
राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश ने कहर मचाया है। इस दौरान, राज्य के विभिन्न जिलों में जलभराव और सड़कें बंद हो गईं। कई गांवों में पानी की स्तर में वृद्धि से लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं।
गुजरात में बारिश और बाढ़
गुजरात के बनासकांठा समेत 3 जिलों में पिछले 2 दिनों में 16 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इससे वाव-थराद और सुईगाम तालुका में बाढ़ आ गई है। तीनों तालुकाओं के दर्जनों गांवों में पानी 5 फीट तक भर गया है। प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्यों को तेजी से लागू कर रहा है, लेकिन हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं।
राजस्थान में 100 दिन में 700mm बारिश
राजस्थान में बीते 100 दिनों में 701.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 20 सालों में अप्रत्याशित है। मौसम विभाग का कहना है कि क्लाइमेट चेंज के कारण अब राजस्थान जैसे सूखे इलाके में भी बारिश अधिक हो रही है।
राजस्थान में नदियों का उफान
राजस्थान में बड़ी नदियां उफान पर हैं। नदी किनारे बसे कई गांवों में बाढ़ के कारण नुकसान हो रहा है। हालांकि, इस वर्ष की बारिश ने राज्य के सूखाग्रस्त इलाकों में राहत प्रदान की है, फिर भी बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रशासन सतर्क है।
उत्तर प्रदेश: आगरा में यमुना की बाढ़
उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से हाथी घाट पर बाढ़ आ गई है। सड़क पर करीब 2 फीट पानी भरने से राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जाम की स्थिति भी बन गई, जिससे लोग काफी परेशान हुए।
छत्तीसगढ़ में बाढ़ से भारी नुकसान
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बाढ़ से 200 से ज्यादा मकान ढह गए हैं। चार जिलों दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और बस्तर में बाढ़ से स्थिति बिगड़ी हुई है। राज्य सरकार ने राहत शिविरों में लोगों को शिफ्ट किया है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की गति बढ़ाई है।
हिमाचल प्रदेश: बाढ़ और बारिश से 4156 करोड़ रुपए का नुकसान
हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और बारिश से 4156 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। लैंडस्लाइड, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। इससे 1237 घर जमींदोज हो गए और 5317 घरों को आंशिक नुकसान हुआ।