भारत का लोकतंत्र खतरे में: कोलंबिया से राहुल गांधी ने BJP और RSS पर किया बड़ा हमला

कोलंबिया में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमले सबसे बड़ा खतरा हैं। उन्होंने केंद्र सरकार, बीजेपी और RSS की विचारधारा पर सवाल उठाए।

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Sanjay Dhiman
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rahul ghandhi in columbia

Photograph: (the sootr)

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी विदेशी यात्रा के दौरान एक बार फिर भारत के लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार और RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर निशाना साधा है। कोलंबिया के प्रतिष्ठित ईआईए विश्वविद्यालय (EIA University) में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गांधी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकतांत्रिक मूल्यों पर हो रहा हमला है। उनके इस बयान ने देश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, जहां भारतीय जनता पार्टी ने उनके आरोपों को "दुष्प्रचार" और "देश को बदनाम करने की कोशिश" करार दिया है।

राहुल गांधी का कोलंबिया में संबोधन

2 अक्टूबर को कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में हुए कार्यक्रम में, राहुल गांधी ने भारत की विविधता, उसकी क्षमताओं और साथ ही संरचनात्मक कमियों पर बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में मजबूत क्षमताएं हैं, जो उन्हें देश के भविष्य के लिए बहुत आशावादी (Optimistic) बनाती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश के ढांचे में कुछ खामियां हैं, जिन्हें ठीक करने की जरूरत है। 

राहुल गांधी के मुख्य बयान

  • सबसे बड़ा खतरा: "भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोकतंत्र पर हो रहा हमला (Attack) है।"

  • विविधता और संवाद: "भारत अनेक धर्मों, भाषाओं और परंपराओं का देश है। लोकतांत्रिक व्यवस्था ही इन सभी के बीच संवाद का सबसे अच्छा तरीका है।"

  • वर्तमान स्थिति: "इस समय, इस लोकतांत्रिक व्यवस्था पर व्यापक हमला हो रहा है, और यह एक बड़ा जोखिम (Risk) है।"

राहुल गांधी ने कहा कि भारत की व्यवस्था चीन की तरह लोगों को दबाकर सत्तावादी व्यवस्था नहीं चला सकती, क्योंकि भारत का ताना-बाना इसे स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत के पास 16-17 प्रमुख भाषाएं और अनेक धर्म हैं, और इन विविध परंपराओं को फलने-फूलने देने के लिए उन्हें आवश्यक स्थान देना बेहद जरूरी है। 

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आरएसएस और बीजेपी पर तीखा हमला

अपने संबोधन में, कांग्रेस नेता ने बीजेपी (BJP) के साथ-साथ उसके वैचारिक संरक्षक आरएसएस (RSS) को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी की विचारधारा के मूल में कायरता है।

कायरता की विचारधारा

राहुल गांधी ने अपनी बात को साबित करने के लिए दो उदाहरणों का हवाला दिया:

  1. विदेश मंत्री का चीन पर बयान: उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के एक पुराने बयान का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने चीन की ताकत का जिक्र करते हुए कहा था कि भारत उससे मुकाबला नहीं कर सकता। राहुल गांधी ने इसे आरएसएस की विचारधारा का प्रतिबिंब बताया, जिसके केंद्र में कायरता है।

  2. सावरकर का उद्धरण: राहुल गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर की एक पुस्तक का हवाला दिया, जिसमें सावरकर ने कथित तौर पर एक मुस्लिम व्यक्ति को पीटने और उससे खुशी महसूस करने की बात लिखी थी। गांधी ने इसे कमजोर लोगों को पीटना और मजबूत लोगों से दूर भागना बताया, जिसे उन्होंने आरएसएस की विचारधारा करार दिया। उनका तर्क था कि पांच लोगों द्वारा एक व्यक्ति को पीटने से खुशी महसूस करना कायरता है, और यही सोच आरएसएस-बीजेपी (RSS-BJP) के मूल में है। 

आर्थिक नीतियों पर सवाल 

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी हमला किया। उन्होंने नोटबंदी और GST (वस्तु एवं सेवा कर - Goods and Services Tax) को ऐसे निर्णय बताया, जिन्होंने छोटे और मध्यम व्यवसायों को 'नष्ट' कर दिया और बड़े एकाधिकारों को अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से को नियंत्रित करने की अनुमति दी। 

आर्थिक कमियां

  • नोटबंदी और GST: इन नीतियों ने छोटे और मध्यम व्यवसायों को नुकसान पहुँचाया।

  • रोजगार संकट: सेवा-आधारित अर्थव्यवस्था होने के कारण भारत उत्पादन में असमर्थ है, जिससे बेरोजगारी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।

  • भ्रष्टाचार: उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में केंद्रीय स्तर पर भारी भ्रष्टाचार है, जहां "तीन-चार व्यवसाय पूरी अर्थव्यवस्था पर कब्जा कर रहे हैं" और प्रधानमंत्री के साथ उनका सीधा संबंध है। 

लोकतंत्र पर 'व्यापक हमला' 

राहुल गांधी ने अपने बयान में कई बार इस बात पर जोर दिया कि भारत (India) में लोकतांत्रिक व्यवस्था (Democratic System) पर 'व्यापक हमला' हो रहा है।

विपक्ष की भूमिका पर खतरा 

गांधी के अनुसार, एक मजबूत लोकतंत्र (Democracy) के लिए विभिन्न विचारों (Different Ideas) को जगह देना अत्यंत आवश्यक है। जब वह कहते हैं कि लोकतंत्र पर हमला (Attack on Democracy) हो रहा है, तो उनका इशारा उन घटनाओं की ओर है जो देश में हाल के दिनों में सामने आई हैं। 

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