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बजट सत्र के दूसरे चरण के 11वें दिन, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाया जा रहा है और विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें अपनी बात रखने के लिए उठने पर भी सदन में बोलने का मौका नहीं दिया गया।
सदन का अलोकतांत्रिक तरीके से संचालन
राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "मैंने कई बार कोशिश की कि मुझे बोलने दिया जाए, लेकिन स्पीकर ने एक शब्द नहीं कहा और सदन स्थगित कर दिया। मैं चुपचाप बैठा था, मैंने कुछ नहीं किया। पिछले 7-8 दिनों में मुझे बोलने का मौका नहीं मिला है। यह एक नया तरीका है। डेमोक्रेसी में सरकार और विपक्ष दोनों की जगह होती है, लेकिन यहां केवल सरकार की जगह है, विपक्ष की कोई जगह नहीं है।"
विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा है
राहुल गांधी ने आगे कहा, "मैंने कुंभ मेला के बारे में प्रधानमंत्री जी से बात की थी, मैं बेरोजगारी पर बोलना चाहता था, लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया। यह सच्चाई है कि हम विपक्ष में हैं और हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है। सदन को नॉन-डेमोक्रेटिक तरीके से चलाया जा रहा है।"
70 सांसदों का स्पीकर से मिलना
राहुल गांधी के आरोप के बाद विपक्ष के 70 सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मिलने पहुंचे। उन्होंने स्पीकर से अपनी नाराजगी जताई और कहा कि विपक्ष को बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि जब भी विपक्ष बोलता है, तो नए नियम लाकर उसे रोका जाता है। हालांकि, स्पीकर ने सांसदों से मिलने के लिए कुछ समय बाद बुलाया।
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