6 मानवाधिकार उल्लंघन मामलों में MPHRC ने लिया संज्ञान, भेजा नोटिस

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इन सभी मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग (MPHRC) के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने हाल ही में मीडिया में प्रकाशित छह विभिन्न मानव अधिकार उल्लंघन मामलों का संज्ञान लिया है और संबंधित विभागों से जवाब मांगा है। इन मामलों में बुजुर्ग पिता से लेकर जल संकट जैसी गंभीर समस्याओं का समावेश है, जिनमें आयोग ने त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता की बात कही है।

फुटपाथ पर जीवन बसर कर रहा था बुजुर्ग

भोपाल के अशोका गार्डन क्षेत्र में रहने वाला 58 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति पिछले दस सालों से फुटपाथ पर जीवन यापन कर रहा है। उसका परिवार गंजबासौदा में 113 किमी दूर रहता है, लेकिन बच्चों की उदासीनता के कारण वह राजधानी के फुटपाथ पर आश्रय लेने को मजबूर है। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए भोपाल कलेक्टर से तीन सप्ताह के भीतर इस बुजुर्ग पिता की देखभाल, पुनर्वास और भरण-पोषण के बारे में रिपोर्ट मांगी है।

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हाइटेंशन लाइन में बच्चा की झुलसा

भोपाल शहर में एक दुखद घटना में एक 12 साल का बच्चा हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। घटना उस समय हुई जब बच्चा अपनी छत पर पतंग उड़ा रहा था और उसकी पतंग हाईटेंशन लाइन में उलझ गई। जैसे ही उसने डोर खींची, धमाका हुआ और वह बुरी तरह झुलस गया। इस मामले में भी मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बिजली विभाग से रिपोर्ट मांगी है ।

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पेयजल संकट, दो किमी दूर से लाते हैं पानी

मंडला जिले के बिछिया ब्लॉक के ग्राम दानी टोला और पीपरटोला के ग्रामीणों ने पेयजल संकट की गंभीर समस्या को लेकर जनसुनवाई में शिकायत की। उन्होंने बताया कि पानी लाने के लिए उन्हें गांव से दो किमी दूर हलों नदी तक जाना पड़ता है, जहां चढ़ाई पर चढ़ते समय अक्सर लोग चोटिल हो जाते हैं। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लिया और मंडला कलेक्टर एवं पीएचई विभाग से रिपोर्ट मांगी है, ताकि ग्रामीणों की जल समस्या का शीघ्र समाधान किया जा सके।

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बांस-बल्लियों के सहारे घरों तक पानी

सीहोर जिले के इछावर के नयापुरा गांव में ग्रामीणों को पेयजल की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गांव में हैंडपंप सूख गए हैं और नलकूप भी पर्याप्त पानी नहीं दे पा रहे हैं। इस कारण ग्रामीणों ने अपने खर्च पर पाइपलाइन बिछाई और बांस-बल्लियों से उसे घरों तक लाने का प्रयास किया है। गर्मी के मौसम में जल संकट की समस्या बढ़ने की संभावना है। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इस मामले में सीहोर कलेक्टर और पीएचई विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

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जल संकट और ग्रामीणों की परेशानियां

मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश की कमी और जल स्रोतों के सूखने से ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। आयोग ने इन समस्याओं को संज्ञान में लेते हुए संबंधित कलेक्टरों और विभागों से रिपोर्ट मांगी है।

आयोग की त्वरित प्रतिक्रिया और विभागों से जवाब

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इन सभी मामलों में त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो।

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