/sootr/media/media_files/2025/03/26/sDk7sloHHPfrpnyxBliN.jpg)
मध्यप्रदेश विधानसभा में अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रमोशन की डिमांड तेज हो गई है। बजट सत्र समाप्त होने के बाद, मंगलवार ( 25 मार्च ) को विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों और अधिकारियों ने स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर से मिलकर अपनी प्रमोशन संबंधी मांग रखी। कर्मचारियों का कहना है कि, जब सरकारी विभाग सशर्त पदोन्नति दे रहे हैं, तो विधानसभा में भी इसे लागू किया जाना चाहिए।
कर्मचारी संघ ने यह भी कहा कि पदोन्नति के आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि यह सुप्रीम कोर्ट में लंबित एसएलपी (Special Leave Petition) के अंतिम फैसले के अधीन होगी। इस तर्क को मध्यप्रदेश विधानसभा में भी लागू किया जाना चाहिए, जैसा कि विधि-विधायक कार्य विभाग में हाल ही में किया गया था।
राज्यपाल की घोषणा
बता दें कि राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने अपने अभिभाषण में सभी विभागों में पदोन्नति देने की घोषणा की थी। इस घोषणा के बाद, विधानसभा में भी प्रमोशन देने की मांग उठने लगी है। कर्मचारियों का कहना है कि अब तक लगभग 30 अधिकारी और कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं, और इस स्थिति को सुधारने की जरूरत है।
कर्मचारी संघ के सदस्य जैसे रामनारायण आचार्य, घनश्याम सिंह, अनुराग पाठक और रजनीश दुबे ने स्पीकर से आग्रह किया कि मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय में भी इस मुद्दे पर विचार किया जाए और जल्द से जल्द पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए।
प्रमोशन से संबंधित प्रमुख मुद्दे
- सशर्त प्रमोशन: कर्मचारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अधीन सशर्त प्रमोशन दिए जाएं, जैसे कि अन्य विभागों में हो रहे हैं।
- रिटायरमेंट के बाद प्रमोशन का मुद्दा: कई कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं, जिससे यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।
- राज्यपाल की घोषणा का प्रभाव: राज्यपाल की पदोन्नति से संबंधित घोषणा के बाद विधानसभा में भी इसे लागू करने की मांग बढ़ी है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें