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BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा का पांचवा सत्र 10 मार्च से शुरू हो रहा है। जिसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठाने की तैयारी कर चुके हैं। इसी बहाने 'द सूत्र' ने चौथे सत्र के सवालों और सरकार के जवाबों की गंभीरता से पड़ताल की है। जिसमें पता चला कि ना केवल विपक्ष यानी कांग्रेस बल्कि सत्ता पक्ष यानी बीजेपी के विधायक भी लाचार पड़ चुके हैं। इसकी वजह सरकारी विभागों द्वारा सदन में पेश किए जाने वाले अधूरे और असत्य जवाब और जानकारियां हैं। क्योंकि इसके कारण न तो विधायकों को अपने सवालों का जवाब मिल पाता है और न उनके क्षेत्र की समस्याओं का निराकरण होता है।
विधायकों के कुल 2939 सवाल
मध्य प्रदेश विधानसभा के पांचवें सत्र के लिए सचिवालय को विधायकों के कुल 2939 सवाल मिले हैं। सदन में सवाल उठाना विधायकों का अधिकार और कर्तव्य है तो जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी और दायित्व है। जब हमने विधानसभा के चौथे सत्र के दौरान लगाए गए प्रश्न और उनके जवाब में आए जवाबों की पड़ताल की तो पता चला कि विधायकों ने अपना कर्तव्य निभाते हुए प्रश्न तो उठाए लेकिन कई विधायकों को सरकार ने अधूरे या असत्य जवाब ही दिए गए। इसके चलते पिछले सत्र में दोनों पक्षों के विधायकों की बड़ी लाचारी नजर आई थी। वहीं इस इस स्थिति के चलते न केवल विपक्षी कांग्रेस बल्कि सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे। हमने कुछ ऐसे सवाल भी खंगाले हैं जिनके जवाब में विभागों से गलत जानकारी दी गई है। विभागों की गलतबयानी और आधे अधूरे जवाबों पर सरकार की चुप्पी को लेकर विधायक हैरान और हताश हैं।
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सवालों में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के विधायक शामिल
बीते सत्र में विधायकों ने सरकारी योजनाओं के इंप्लीमेंटेशन, निर्माण कामों की प्रगति और जल जीवन मिशन समेत अफसरशाही को लेकर सवाल पूछे थे। जिनमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के विधायक शामिल हैं। सवालों के जवाब में सरकारी विभागों ने जो जानकारी दी। उस पर विधायकों ने बार-बार आपत्ति ली क्योंकि विभागों ने आधे-अधूरे और गलत जवाब पेश किए। विधायकों ने गलत जानकारी देने वाले विभागीय अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की, लेकिन सरकार इसका बचाव करती नजर आई। पांचवे विधानसभा सत्र से पहले 'द सूत्र' ने सूबे के कुछ विधायकों से दिसंबर 2024 में संपन्न हुए चौथे सत्र के संबंध में बात की। वहीं विधानसभा में उठाए गए विधायकों के प्रश्नों पर विभाग द्वारा पेश किए गए जवाब भी खंगाले। ये प्रश्न सदन में अलग-अलग दिन ध्यानाकर्षण, प्रश्नकाल में उठाए गए थे जो सदन की कार्यवाही के दौरान रिकॉर्ड पर भी दर्ज हैं।
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विधायकों को अपने सवालों के बदले मिले ये जवाब :
1. नरेंद्र सिंह कुशवाह, बीजेपी विधायक, भिंड
विधानसभा क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक की मनमानी के कारण रोजाना बिजली कटौती होती है। भिंड शहर में उच्च क्षमता के 52 नए ट्रांसफॉर्मर और 50 किलोमीटर लाइन बिछाने की मंजूरी है, लेकिन बिजली कंपनी के महाप्रबंधक की लापरवाही के कारण सिर्फ 14 ट्रांसफॉर्मर ही बदले गए हैं, साथ ही इटावा रोड और ढोंचरा में नए सब स्टेशन का काम भी शुरू नहीं हुआ है।
विभाग का जवाब जवाब : भिंड विधानसभा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोई विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। शहरी क्षेत्रों में रोजाना 22 घंटे 41 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 22 घंटे 6 मिनट जबकि खेती के लिए रोजाना करीब 9 घंटे बिजली दी जा रही है
जवाब को विधायक ने बताया गलत : हम चाहते हैं अधिकारी को सस्पेंड करें, एक साल हो गया। हड़ताल हो रही है, धरना दे रहे हैं। एमडी से शिकायत की गई है। जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री से भी शिकायत की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आप असत्य जानकारी दे रहे हैं।
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2. डॉ. चिंतामणि मालवीय, बीजेपी विधायक आलोट
महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी के पूरे प्रदेश में कितने पद मंजूर हैं ? कितने पद खाली हैं ? कितनी महिला और कितने पुरुष हैं ? एक ही परियोजना में तीन साल से ज्यादा पदस्थ अधिकारी कौन-कौन हैं ? स्थानांतरण के लिए क्या नियमावली है ? विभाग में पुरुष अधिकारियों की ओर से महिला कर्मचारियों को
प्रताड़ित करने की कितनी शिकायत लंबित हैं ?
विभाग का जवाब : WCD विभाग में परियोजना अधिकारी के कुल 113 पद खाली हैं। 2018 के बाद परियोजना अधिकारी संवर्ग के 82 खाली पदों पर विकासखंड महिला सशक्तीकरण अधिकारी कार्यरत हैं।
विधायक ने जवाब को बताया अधूरा : विभाग ने आधी-अधूरी जानकारी दी है। विभाग में पुरुष अधिकारियों की ओर से महिला कर्मचारियों को प्रताड़ित करने से जुड़ी लंबित शिकायतों की जानकारी नहीं दी गई है।
3. जयवर्धन सिंह, कांग्रेस विधायक, राघौगढ़
गुना का राघौगढ़ सरकारी कॉलेज पोस्ट ग्रेजुएट स्तर का कब हुआ ? इसे जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्धता कब मिली ? जुलाई के विधानसभा सत्र में पीजी स्तर पर कॉलेज संचालित होने की जानकारी किस आधार पर दी गई थी ?
विभाग का जवाब : राघौगढ़ कॉलेज स्नातक स्तर का है। इसका पीजी में उन्नयन नहीं हुआ है।
विधायक ने जवाब को बताया गलत : ये जानकारी गलत है। सदन में गलत जानकारी देने पर किस-किस अधिकारी के विरुद्ध कब और क्या कार्रवाई की जाएगी ?
4. झूमा सोलंकी, कांग्रेस विधायक, भीकनगांव
भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में बिंजलवाड़ा लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट का कितना काम पूरा हुआ है ? सिंचाई के लिए पानी देना कब से शुरू होगा ?
विभाग का जवाब : 98 फीसदी काम पूरा हो चुका है। सिर्फ दो फीसदी काम बाकी है।
विधायक ने जवाब को बताया गलत : प्रोजेक्ट का काम साल 2022 में पूरा हो जाना था, लेकिन सवाल के जवाब में 98 फीसदी काम पूरा होना बताया गया है, जबकि अब तक काम अधूरा ही है। ये सवाल पिछले सत्र में भी लगा था और विभाग ने जांच के लिए निर्देश दिए थे।
5. रामसिया भारती, कांग्रेस विधायक, बड़ा मलहरा
छतरपुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत समूहों को 2022 से अब तक कितना फंड दिया गया है ? MENU में कौन-कौन सी चीजें बच्चों को खाने के लिए देने का प्रावधान है ? अधिकारियों ने कितने दिन निरीक्षण किया है ?
विभाग का जवाब : समूहों को 2022-2023 में 15 करोड़ 41 लाख 76 हजार, 2023-2024 में 15 करोड़ 60 लाख 51 हजार और 2024-2025 में 7 करोड़ 98 लाख 45 हजार रुपए का भुगतान किया गया है।
विधायक ने जवाब से जताई असंतुष्टि : बच्चों के पोषण आहार पर खर्च राशि तो बताई गई लेकिन ICDS मिशन की निगरानी के बारे में नहीं बताया। बीते साल भर से मिशन की कोई निगरानी नहीं की गई है। मैं जवाब से संतुष्ट नहीं हूं।
6. सचिन सुभाषचंद्र यादव, कांग्रेस विधायक, कसरावद
मध्य प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले वेस्ट और केमिकल के निपटान और पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार की कौन सी योजनाएं चल रही हैं। खरगोन जिले की नदियों में कहां और कितना प्रदूषण फैल रहा है ? क्या निमरानी औद्योगिक क्षेत्र से नर्मदा का जल प्रदूषित हो रहा है ?
विभाग का जवाब : नहीं।
विधायक ने जवाब को बताया अधूरा और गलत : विभाग का जवाब असत्य और अधूरा है। कसरावद विधानसभा क्षेत्र के निमरानी औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है। इस वजह से नर्मदा नदी प्रदूषित हो रही है। क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैल रहा है और जमीन खराब हो रही हैं।
विधायकों को अनसुना कर रही सरकार
मामले पर 'द सूत्र' से खास बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सख्त नाराजगी जताई और कहा कि बीजेपी की सरकार ने विधायकों को अनसुना करने की परंपरा सी अपना ली है। विधायकों के सवालों को अनसुना करना सीधे तौर पर जनता की अनदेखी है... कांग्रेस ने पांचवें विधानसभा सत्र में सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है...