मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अब तक नई बिजली दरों को लेकर कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की है। इसके कारण, आगामी 1 अप्रैल से लागू होने वाली नई दरें फिलहाल प्रभावी नहीं होंगी। आयोग के नियमों के अनुसार, जब तक सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की जाती, तब तक नई दरें लागू नहीं हो सकतीं। यदि सूचना जारी होती, तो दरें अगले दिन से 7 दिन बाद लागू होतीं।
प्रस्तावित 7.52% बढ़ोतरी का असर
राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2025-26 के लिए बिजली दरों में 7.52% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। हालांकि विद्युत नियामक आयोग ने 24 मार्च तक सार्वजनिक सूचना नहीं की तो। जिससे नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो सकती थीं। हालांकि, अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिली है।
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विद्युत नियामक आयोग की भूमिका
विद्युत नियामक आयोग की जिम्मेदारी है कि वह बिजली दरों में बदलाव की घोषणा सार्वजनिक सूचना के माध्यम से करे। इसके बाद ही, एक निर्धारित अवधि के बाद नई दरें लागू होती हैं। इस प्रक्रिया के तहत, यदि सूचना समय पर जारी नहीं की जाती, तो प्रस्तावित दरों में देरी हो सकती है।
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बिजली दरों की बढ़ोतरी का प्रस्ताव
एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 2025-26 के लिए बिजली दरों में 7.52 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता, तो उपभोक्ताओं को अधिक बिल का सामना करना पड़ता। हालांकि, अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत मिली है।
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5 बिंदुओं में समझिए पूरी स्टोरी
✅ मध्य प्रदेश में आगामी 1 अप्रैल से बिजली की नई दरें लागू नहीं होंगी, क्योंकि राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।
✅ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने 2025-26 के लिए बिजली दरों में 7.52% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, सार्वजनिक सूचना जारी न होने के कारण यह बढ़ोतरी फिलहाल लागू नहीं हो रही है।
✅ विद्युत नियामक आयोग के नियमों के मुताबिक, जब तक सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की जाती, नई दरें लागू नहीं हो सकतीं।
✅ एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने बिजली दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। अगर यह प्रस्ताव मंजूर होता, तो उपभोक्ताओं को अधिक बिल का सामना करना पड़ता।
✅अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिली है और नई दरों का प्रभाव टल गया है।
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