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पाकिस्तान से एक अनोखा नजारा देखने को मिला है। यहां के कराची शहर में हिंदू महाकाव्य रामायण (Ramayana) का मंचन किया गया। इस नाटक ने ना सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि आधुनिक तकनीकी जादू का भी अहसास कराया। कराची की रंगीन और सांस्कृतिक धारा में यह प्रस्तुति अपने अनोखे रंगों से सजीव हो उठी है, और दर्शकों ने इसे भरपूर सराहना दी है।
आधुनिक तकनीक का अद्भुत प्रयोग
रामायण (Ramayana) के इस मंचन में आधुनिक AI (Artificial Intelligence) तकनीक का प्रयोग किया गया। इससे नाटक के दृश्य और भी जीवंत और आकर्षक हो गए। जैसे- जैसे नाटक में पेड़ों का हिलना, महलों का भव्य दृश्य और जंगल की शांति को AI तकनीक के माध्यम से दर्शाया गया, दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। इस शो ने दर्शकों को एक ऐतिहासिक कथा से जोड़ते हुए इसे एक नया और आधुनिक रूप दिया। नाटक के डायरेक्टर योहेश्वर करेरा (Yoreshwar Carrera) ने कहा कि कराची में इस नाटक को लेकर लोगों में गहरी रुचि और सराहना है।
इससे पहले भी मिला था जबरदस्त रिस्पॉन्स
नवंबर 2024 में रामायण (Ramayana) का यह नाटक पहले भी कराची के द सेकंड फ्लोर (T2F) में प्रस्तुत किया गया था। यहां इसे जबरदस्त सराहना मिली थी। अब यह नाटक कराची की आर्ट्स काउंसिल (Arts Council) में और भी भव्य रूप में दोबारा प्रस्तुत किया गया। इससे न केवल नाटक के प्रमोशन को बल मिला बल्कि दर्शकों को भी एक बार फिर से इस ऐतिहासिक कथा का अनुभव करने का मौका मिला।
पाकिस्तान में रामायण का मंचन की खबर एक नजर में...
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कलाकारों ने की बेहतरीन प्रस्तुति
नाटक में विभिन्न कलाकारों ने अद्वितीय अभिनय किया। राणा काजमी (Rana Kazmi) ने सीता का किरदार निभाया, वहीं अश्मल लालवानी (Ashmal Lwani) ने राम की भूमिका निभाई और सम्हान गाजी (Samhan Ghazi) ने रावण के रूप में अपना अभिनय प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त, आमिर अली (Aamir Ali) ने राजा दशरथ, वकास अख्तर (Waqas Akhtar) ने लक्ष्मण और जिबरान खान (Zibran Khan) ने हनुमान का किरदार निभाया। सभी कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शन ने नाटक को और भी प्रभावी बना दिया।
Performance of Ramayan in Karachi, Pakistan pic.twitter.com/6kciamWJap
— Sabahat Zakariya (@sabizak) July 13, 2025
बिना किसी डर के रामायण का मंचन
नाटक के निर्देशक योहेश्वर करेरा (Yoreshwar Carrera) ने इस परिदृश्य को लेकर अपनी बात साझा की। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी इस बात का डर नहीं था कि रामायण जैसे हिंदू धार्मिक ग्रंथ पर आधारित नाटक के मंचन पर कोई धमकी मिलेगी या लोग इसे नकारात्मक तरीके से देखेंगे। उनके मुताबिक, उन्हें पूरा विश्वास था कि पाकिस्तान का समाज इस प्रस्तुति को खुले दिल से स्वीकार करेगा।
धर्म कोई भी हो आस्था एक है...
रामायण (Ramayana) के इस मंचन का पाकिस्तान में गहरा सामाजिक प्रभाव पड़ा है। यह नाटक दर्शाता है कि विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोणों के बावजूद, कला और संस्कृति एकता का एक मजबूत माध्यम बन सकती हैं। साथ ही, रामयण के इस मंच ने पाकिस्तान के नागरिकों को एकजुट करने का भी काम किया है।
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