लोन होंगे सस्‍ते, कम हो जाएगी EMI, RBI ने 5 साल बाद घटाया रेपो रेट

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट 0.25% घटाकर 6.25% किया है। इससे होम, ऑटो और पर्सनल लोन सस्ते हो जाएंगे, EMI भी घटेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। पढ़ें पूरी खबर इस लेख में...

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Siddhi Tamrakar
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SANJAY MALHOTRA RBI

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अपनी पहली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में आम जनता को राहत दी है। तीन दिनों तक चली इस बैठक के बाद उन्होंने रेपो रेट में 0.25% की कटौती की घोषणा की है। इस फैसले से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी खुदरा ऋण सस्ते हो जाएंगे और EMI में कमी आएगी।

गौरतलब है कि आरबीआई ने लगातार 11 बैठकों तक रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखा था, लेकिन इस बार इसे घटाकर 6.25% कर दिया गया है।

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चार साल के निचले स्तर पर आई विकास दर

मई 2023 के बाद यह पहली बार है जब रेपो रेट में बदलाव किया गया है। पिछली बार इसे 0.25% बढ़ाकर 6.50% किया गया था, और तब से इसे बदला नहीं गया था। पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास के रिटायर होने के बाद, संजय मल्होत्रा ने अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है।

भारतीय अर्थव्यवस्था की दूसरी तिमाही में विकास दर चार वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई थी, जिससे सरकार और केंद्रीय बैंक पर इसे सुधारने का दबाव था। इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि बाजार में निवेश और उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा।

रेपो रेट (Repo Rate) को आसान शब्दों में समझते हैं

रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर देश का केंद्रीय बैंक (जैसे भारत में भारतीय रिजर्व बैंक - RBI) देश के दूसरे बैंकों को अल्पकालीन या शॉर्ट टर्म लोन देता है। रेपो रेट का फुल फॉर्म है - पुनर्खरीद समझौता दर (Repurchase Agreement or Repurchasing Option)।

कैसे काम करता है रेपो रेट?

  • जब बैंकों को पैसों की जरूरत होती है, तो वे रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं।
  • इस लोन पर रिजर्व बैंक जो ब्याज वसूलता है, उसे ही रेपो रेट कहते हैं।
  • बैंक इस लोन के बदले अपनी कुछ सिक्योरिटीज (जैसे सरकारी बॉन्ड) रिजर्व बैंक को गिरवी रख देते हैं।

रेपो रेट का क्या असर पड़ेता है आपके जीवन पर-

रेपो रेट बढ़ेगा:

अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ा देता है, तो बैंकों को महंगा लोन मिलेगा। इसका असर यह होगा कि बैंक भी अपने ग्राहकों पर ज्यादा ब्याज लगाएंगे।

  • लोन महंगे हो जाएंगे (जैसे होम लोन, कार लोन आदि)।
  • ईएमआई (EMI) बढ़ जाएगी।
  • सेविंग अकाउंट और एफडी (FD) पर ब्याज दर थोड़ी बढ़ सकती है।

रेपो रेट घटेगा:

अगर रेपो रेट कम होता है, तो आप बैंक से कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।

  • लोन सस्ते हो जाएंगे।
  • ईएमआई (EMI) घटेगी।
  • ब्याज दरों में गिरावट होने की संभावना होती है।

रेपो रेट क्यों बदला जाता है?

महंगाई (Inflation) को कंट्रोल करने के लिए:

अगर महंगाई बढ़ रही हो तो रेपो रेट बढ़ाया जाता है ताकि लोग कम कर्ज लें और खर्च कम करें।

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए:

जब अर्थव्यवस्था कमजोर हो (जैसे मंदी के समय), तो रेपो रेट कम किया जाता है ताकि लोन सस्ते हों और लोग ज्यादा खर्च करें।

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