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तेलंगाना में 400 एकड़ में फैले कांचा गचीबावली जंगल को काटने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। राहुल ने अपने हालिया हैदराबाद दौरे में कहा था कि "जब भी जरूरत होगी, राहुल गांधी हाजिर रहेगा", लेकिन अब जब राज्य में 400 एकड़ वन भूमि की कटाई हो रही है, वे सामने नहीं आ रहे। इस चुप्पी पर छात्रों ने सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया है।
अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने लिखा-बहुत मोहब्बत हो गई
बॉलीवुड अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद करते हुए सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की आलोचना की है। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, राहुल गांधी, बहुत मोहब्बत हो गई। कुछ मोहब्बत प्रकृति के लिए भी करो। इस टिप्पणी में उन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भी टैग किया और इस मामले को लेकर सवाल उठाए।
Hey @RahulGandhi .
— RichaChadha (@RichaChadha) April 2, 2025
Too much mohabbat.
Have some mohabbat for nature also. @TelanganaCMO https://t.co/SKuFscR412
विरोध प्रदर्शन करने पर छात्र गिरफ्तार
जैसे-जैसे विरोध तेज हुआ, तेलंगाना पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और कई छात्रों को हिरासत में भी लिया गया। छात्रों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई।
हैदराबाद में 400 एकड़ के जंगल की कटाई, संकट में वन्यजीव।
— TheSootr (@TheSootr) April 4, 2025
➡ क्या है जंगल को काटने का विवाद, राहुल गांधी क्यों हो रहे ट्रोल, लिंक पर क्लिक कर जानें पूरा मामला https://t.co/MEYOwBDTPp #Hyderabad #ForestDestruction #WildlifeCrisis #SaveNature #Trending #viralvideo #news… pic.twitter.com/3vpzR3rZns
पेड़ काटने पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
तेलंगाना हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए एक अहम आदेश दिया। कोर्ट ने तेलंगाना के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक जंगल में किसी भी पेड़ को न काटा जाए। साथ ही कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को इस जंगल का दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
विरोध क्यों हो रहा है?
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्र और पर्यावरण कार्यकर्ता यह तर्क दे रहे हैं कि इस जंगल का काटा जाना न केवल इलाके के पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि यह जैव विविधता और स्थानीय जलस्रोतों को भी प्रभावित करेगा। छात्र संगठन यह भी आरोप लगा रहे हैं कि सरकार इस जंगल का इस्तेमाल निजी कंपनियों के फायदे के लिए करना चाहती है।
सरकार का पक्ष
तेलंगाना सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह जमीन पूरी तरह सरकारी है और इसे 2004 में राज्य सरकार को सौंपा गया था। सरकार ने बताया कि इस जमीन को पहले IMG अकादमी को खेल सुविधाओं के लिए दी गई थी, लेकिन अकादमी ने प्रोजेक्ट शुरू नहीं किया, जिसके बाद सरकार ने यह जमीन वापस ले ली और फिर इसे आंध्र प्रदेश युवा उन्नति, पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग को सौंप दिया।
पर्यावरण मंत्रालय का दखल
केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भी इस मामले में दखल दिया है और तेलंगाना सरकार को निर्देश दिए हैं कि अवैध पेड़ कटाई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है कि पर्यावरण कानूनों और कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए।
अह आगे की स्थिति क्या
इस विवाद के बाद मामला अब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दोनों में है। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि वह जल्द से जल्द इस मामले पर रिपोर्ट सौंपे। इस बीच छात्रों का विरोध जारी है, और सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
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