MUMBAI. मानहानि के 10 साल पुराने मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भिवंडी कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें आरएसएस के एक कार्यकर्ता द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में सबूत के तौर पर कुछ अतिरिक्त दस्तावेजों को अनुमति दी गई थी। मामले में राहुल गांधी ने मजिस्ट्रेट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने रद्द किया भिवंडी कोर्ट का फैसला
शुक्रवार को हाईकोर्ट की एकल पीठ के न्यायाधीश पृथ्वीराज के चव्हाण ने राहुल गांधी द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया है। राहुल गांधी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया था कि ट्रायल कोर्ट ने आरएसएस पदाधिकारी राजेश कुंटे को “देर से” कुछ दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी थी। हाईकोर्ट ने मजिस्ट्रेट के नए सबूत के तौर पर अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के आदेश को खारिज कर दिया। साथ ही मुकदमे को जल्द से जल्द निपटाने के लिए कहा। हाई कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को कानून के अनुसार मुकदमें को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है।
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क्या है पूरा मामला
दरअसल, साल 2014 में आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने ठाणे जिले की भिवंडी मजिस्ट्रेट की अदालत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की थी। अदालत ने कुंटे द्वारा प्रस्तुत कुछ दस्तावेजों को रिकॉर्ड में ले लिया था। इस दौरान मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कथित मानहानि कारक भाषण की प्रतिलेख को सबूत के तौर पर स्वीकार कर लिया था, जिसके आधार पर मानहानि का मामला दायर किया गया था। राहुल गांधी ने इसे उच्च न्यायालय के समक्ष इस आधार पर चुनौती दी कि मजिस्ट्रेट का आदेश कुंटे द्वारा दायर एक अन्य याचिका में उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के आदेश का उल्लंघन था, जो उसी मानहानि की शिकायत से संबंधित थी।
राजेश कुंटे ने दर्ज कराई थी शिकायत
आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने 2014 में भिवंडी में मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस नेता ने एक भाषण के दौरान झूठा और अपमानजनक बयान दिया था कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ जिम्मेदार है। मजिस्ट्रेट अदालत ने 2023 में कुंटे को राहुल गांधी के भाषण की प्रतिलिपि प्रस्तुत करने की अनुमति दी। राहुल का भाषण 2014 में दायर उनकी उस याचिका का हिस्सा था, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ जारी समन को रद्द करने की मांग की थी।
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