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Sambhal excavation 150 years old three storey Bawdi tunnel Photograph: (the sootr)
उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी शहर के लक्ष्मणगंज में प्राचीन बावड़ी की खुदाई सोमवार 23 दिसंबर को दूसरे दिन भी जारी है। संभल जिले के चंदौसी क्षेत्र में 150 साल पुरानी बावड़ी मिली है। यह बावड़ी मुस्लिम बहुल मोहल्ले लक्ष्मणगंज में स्थित है। बावड़ी बांकेबिहारी मंदिर के पास है। खुदाई के दूसरे दिन चार कक्ष और सुरंगनुमा संरचनाएं सामने आईं। इन संरचनाओं से ऐतिहासिक संभावनाएं भी नजर आईं। अधिकारियों ने कहा कि खुदाई का काम जारी रहेगा।
ढांचा बिलारी के राजा के नाना के समय का
बांकेबिहारी मंदिर के पास खाली प्लॉट में शनिवार को 21 दिसंबर एक पुरानी बावड़ी मिली। प्रशासन और नगर पालिका की टीम ने रविवार 22 दिसंबर को सुबह खुदाई शुरू की। इसमें तीन मंजिला ढांचा मिला। जिलाधिकारी (डीएम) राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई मौके पर पहुंचे। डीएम ने बताया कि बावड़ी का क्षेत्रफल अभिलेखों में 400 वर्ग मीटर दर्ज है और यह ढांचा बिलारी के राजा के नाना के समय का बताया जा रहा है।
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बावड़ी की दो मंजिलें संगमरमर से बनी
खुदाई के दौरान पता चला कि बावड़ी की दो मंजिलें संगमरमर की बनी हैं। जबकि तीसरी मंजिल ईंटों से बनी है। इसमें एक कुआं और चार कक्ष हैं। सुरंगनुमा रास्ते भी मिले हैं। इनका अध्ययन किया जा रहा है। डीएम ने बताया कि जरूरत पड़ने पर पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) से सर्वे कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। डीएम राजेंद्र पैंसिया ने बावड़ी और उसके पास स्थित प्राचीन बांकेबिहारी मंदिर के जीर्णोद्धार की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाकर इसे स्वच्छ और पूजा-अर्चना के लायक बनाया जाएगा।
इतिहास के गर्भ में छिपा रहस्य
सनातन सेवक संघ के प्रांतीय प्रचार प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम ने समाधान दिवस में डीएम को बावड़ी के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद एडीएम न्यायिक सतीश कुमार कुशवाह और तहसीलदार धीरेंद्र सिंह को इसकी खुदाई के आदेश दिए गए थे। जानकारों का मानना है कि यह बावड़ी धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो सकती है। संगमरमर की संरचना और सुरंग मिलने से इसके उपयोग और निर्माण काल के बारे में और रहस्य उजागर हो सकते हैं।
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