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Sanchar Sathi App: भारत सरकार अब देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर है। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) ने हाल ही में एक बहुत ही बड़ा कदम उठाया है।
अब देश में बेचे जाने वाले या बाहर से इम्पोर्ट किए जाने वाले हर नए मोबाइल फोन में संचार साथी ऐप (Sanchar Saathi App) का पहले से इंस्टॉल होना जरूरी कर दिया गया है।
DoT ने यह निर्देश सभी बड़ी मोबाइल कंपनियों Apple, Samsung, Xiaomi, Oppo और इम्पोर्टर्स को जारी कर दिया है। DoT ने यह भी साफ कर दिया है कि इस ऐप को फोन से हटाया नहीं जा सकेगा। आइए जानें...
अब ऐप को हटाया नहीं जा सकेगा
ये नियम सिर्फ ऐप इंस्टॉल करने तक सीमित नहीं है। बल्कि निर्देश में साफ कहा गया है कि इस ऐप को फोन से हटाया नहीं जा सकेगा। कंपनियां अब इसे ऐसे फोन में डालेंगे कि यह एक सिस्टम ऐप की तरह काम करे।
फोन सेट करते समय यह ऐप यूजर को साफ दिखना चाहिए और आसानी से खुल जाना चाहिए। साथ ही, ऐप की कोई भी सुविधा बंद या सीमित नहीं होनी चाहिए। यूजर इसका पूरा इस्तेमाल कर सके। सरकार ने ये नियम अगले 90 दिनों के भीतर लागू करने का निर्देश दिया है।
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क्या है संचार साथी ऐप?
'संचार साथी ऐप' एक पोर्टल है जिसे मई 2023 में लॉन्च किया गया था। लेकिन ऐप को ऐप के रूप में 17 जनवरी 2025में पेश किया गया। ये ऐप मुख्य रूप से टेलीकॉम से जुड़े फ्रॉड और सुरक्षा समस्याओं को रोकने के लिए बनाया गया है। ये ऐप यूजर्स को कई तरह की डिजिटल सुरक्षा सुविधाएं देता है:
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सरकार इस नियम को क्यों लाई?
DoT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स) ने ये कदम इसलिए उठाया ताकि संचार साथी पहल को और भी अधिक प्रभावी बनाया जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य है कि लोग नकली फोन खरीदने से बचें। टेलीकॉम से जुड़े किसी भी गलत इस्तेमाल की आसानी से शिकायत कर सकें।
जो मोबाइल फोन पहले से बाजार में हैं, उनके लिए कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इस ऐप को यूजर्स तक पहुंचाने को कहा गया है। ये फैसला डिजिटल इंडिया के तहत सेफ डिजिटल इकोसिस्टम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
संचार साथी की सफलता के आंकड़े
संचार साथी वेबसाइट के आंकड़े बताते हैं कि ये पहल कितनी सफल रही है:
ब्लॉक किए गए फोन: अब तक 42.14 लाख से ज्यादा मोबाइल फोन ब्लॉक (SIM and IMEI number block) किए जा चुके हैं।
पता लगे हैंडसेट: 26.11 लाख से अधिक खोए या चोरी हुए हैंडसेट का पता लगाया गया है।
कनेक्शन रिक्वेस्ट: लोगों ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जानने के लिए 288 लाख से अधिक रिक्वेस्ट भेजी हैं, जिनमें से 254 लाख से ज्यादा मामलों का समाधान हो चुका है।
ऐप की पॉपुलैरिटी: यूजर्स ने संचार साथी ऐप को बहुत पसंद किया है। 1.14 करोड़ से ज्यादा यूजर्स इस पर रजिस्टर कर चुके हैं। ये Google Play Store पर 1 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड हो चुका है।
सिम बाइंडिंग का आदेश क्यों
IMEI छेड़छाड़: DoT ने देखा है कि छेड़छाड़ किए गए IMEI (International Mobile Equipment Identity) से एक ही नंबर कई उपकरणों में काम करता है। इससे फ्रॉड करने वालों पर कार्रवाई करना मुश्किल होता है।
सेकंड-हैंड मार्केट: चोरी या ब्लैकलिस्ट किए गए मोबाइल को सेकंड-हैंड मार्केट में बेचा जा रहा है। इससे खरीदार को आर्थिक नुकसान होता है।
गुमनाम घपले: सिम हटा दिए जाने पर भी कॉलिंग ऐप्स काम करते रहते हैं। इससे गुमनाम धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी जैसे फ्रॉड होते हैं। सिम बाइंडिंग इसे रोकने में मदद करेगी।
इन आंकड़ों से साफ है कि संचार साथी पोर्टल ऐप डिजिटल फ्रॉड को रोकने में एक शक्तिशाली हथियार साबित हुआ है।
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