भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि की है। इसके परिणामस्वरूप अधिकांश उपभोक्ता ऋण ( कंज्यूमर लोन ) महंगे हो गए हैं। यह लगातार तीसरी बार है, जब देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने ब्याज दरों में वृद्धि की है। एक साल की अवधि के लिए मानक MCLR को 8.85 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.95 प्रतिशत कर दिया गया है।
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चुकानी पड़ेगी पहले से ज्यादा EMI
SBI द्वारा एमसीएलआर में वृद्धि के परिणामस्वरूप अब बैंक के ग्राहकों को पहले की तुलना में अधिक ईएमआई चुकानी होगी। एमसीएलआर बैंकों की उधार लेने की लागत को दर्शाता है और यह न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर बैंक लोन प्रदान कर सकते हैं। इसका उपयोग मोटर वाहन ऋण, गृह ऋण और व्यक्तिगत ऋण जैसे अधिकांश उपभोक्ता ऋणों के मूल्यांकन में किया जाता है। इस वृद्धि से ऋण लेने वाले ग्राहकों को पहले से ज्यादा EMI चुकानी पड़ेगी।
बढ़े MCLR के बारे में जानें
भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की है। इसके परिणामस्वरूप विभिन्न अवधि के लिए एमसीएलआर में वृद्धि हुई है।
- ओवरनाइट MCLR 8.10% से बढ़कर 8.20%
- एक महीने का MCLR 8.35% से बढ़कर 8.45%
- तीन महीने का MCLR 8.40% से बढ़कर 8.50%
- छह महीने का MCLR 8.75% से बढ़कर 8.85%
- एक साल का MCLR 8.85% से बढ़कर 8.95%
- दो साल का MCLR 8.95% से बढ़कर 9.05% और
- तीन साल का MCLR 9.00% से बढ़कर 9.10% हो गया है।
15 अगस्त से ही प्रभावी है नई ब्याज दरें
भारतीय स्टेट बैंक की नई ब्याज दरें 15 अगस्त 2024 से लागू हो गई हैं। यह वृद्धि ऐसे समय में की गई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा था, जो लगातार नौवीं बार बिना किसी बदलाव के था।
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