भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव-2 के रूप में नियुक्त किया गया है। दिसंबर 2024 में रिटायर होने के बाद महज दो महीने के अंदर उन्हें पीएमओ में एक महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है। शक्तिकांत दास को आर्थिक मामलों और प्रशासनिक नीतियों का गहरा अनुभव है, जो उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। शक्तिकांत दास वित्त और प्रशासनिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। इससे पहले, उन्होंने वित्त मंत्रालय में भी कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
शक्तिकांत दास को क्यों मिली जिम्मेदारी
शक्तिकांत दास भारतीय अर्थव्यवस्था और नीतिगत मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वे 2018 से 2024 तक आरबीआई के गवर्नर रहे और महामारी के दौरान आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई। उनकी प्रभावी वित्तीय नीतियों और प्रशासनिक दक्षता को देखते हुए मोदी सरकार ने उन्हें यह नई जिम्मेदारी सौंपी है।
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शक्तिकांत दास का करियर और अनुभव...
- RBI गवर्नर (2018-2024): शक्तिकांत दास को भारत के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का 25वां गवर्नर 11 दिसंबर, 2018 को उर्जित पटेल के स्थान पर नियुक्त किया गया था। इस दौरान उन्होंने डिजिटल बैंकिंग, मौद्रिक नीतियों और वित्तीय स्थिरता पर काम किया
- वित्त मंत्रालय में सचिव: गवर्नर के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले दास ने 27 नवंबर, 2017 से 11 दिसंबर, 2018 के बीच आर्थिक मामलों के सचिव और G20 में भारत के शेरपा के रूप में कार्य किया।
- वित्तीय सुधारों में भूमिका: उन्होंने GST लागू करने, नोटबंदी के दौरान नकदी प्रवाह को सुचारू करने और कोरोना काल में राहत पैकेज पर काम किया।
PMO में शक्तिकांत दास का नया रोल
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में शक्तिकांत दास प्रधान सचिव-2 के रूप में कार्य करेंगे। इस पद पर उनका काम नीतिगत मामलों, आर्थिक सुधारों और प्रशासनिक योजनाओं को लागू करने में सहयोग देना होगा। वे सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट करेंगे।
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सरकार का क्या कहना है?
सरकारी सूत्रों के अनुसार शक्तिकांत दास के पास प्रशासनिक और वित्तीय मामलों का गहरा अनुभव है। उनकी नीतिगत समझ और कार्यकुशलता को देखते हुए उन्हें यह नई जिम्मेदारी दी गई है।