/sootr/media/media_files/2025/11/10/shashi-tharoor-2025-11-10-00-06-41.jpg)
NEW DELHI. कांग्रेस ने शशि थरूर के लाल कृष्ण आडवाणी पर बयान से खुद को अलग किया है। थरूर ने भाजपा नेता आडवाणी की तारीफ की थी। पार्टी के एक नेता ने कहा कि थरूर के विचार निजी हैं। ये पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट में बयान जारी किया है। उसमें कहा गया है कि थरूर का बयान कांग्रेस से अलग है।
कांग्रेस का बयान उस समय आया जब थरूर ने 8 नवंबर को आडवाणी को उनकी 98वीं जयंती पर शुभकामनाएं दीं थीं। थरूर ने आडवाणी की सार्वजनिक सेवा, विनम्रता और आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की थी।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन : कई प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
क्या लिखा था शशि थरूर ने?
थरूर ने एक्स पर लिखा, "लालकृष्ण आडवाणी को 98वीं जयंती की शुभकामनाएं। उनकी जनसेवा, विनम्रता और शालीनता अमिट हैं। आडवाणी का सेवामय जीवन अनुकरणीय रहा है।" थरूर की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई गई। कई कांग्रेसी नेताओं ने आरोप लगाया कि वह आडवाणी का असली इतिहास छुपा रहे हैं।
नीमच केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो टीम पर रतलाम में हमला, मचा हड़कंप
क्या बोले कांग्रेस नेता
कांग्रेस के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट कर पार्टी का रूख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि डॉ. शशि थरूर अपनी बात कह रहे हैं। कांग्रेस उनके बयान से पूरी तरह अलग करती है। खेड़ा ने यह भी कहा कि थरूर का कांग्रेस सांसद और सीडब्ल्यूसी सदस्य बने रहना पार्टी की लोकतांत्रिक भावना को दर्शाता है। सीडब्ल्यूसी पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
/sootr/media/post_attachments/3449f430-8fa.webp)
शशि थरूर ने क्या जवाब दिया
सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े ने भी थरूर की आलोचना की है। उन्होंने आडवाणी की राम रथ यात्रा का हवाला देते हुए कहा था कि श्रीमान थरूर, इस देश में 'घृणा के बीज' फैलाना जनसेवा नहीं है। इसके बाद थरूर और हेगड़े के बीच बहस हुई। थरूर ने भाजपा के संस्थापक की विरासत का बचाव किया। उन्होंने इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विरासत की तुलना की।
नीमच केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो टीम पर रतलाम में हमला, मचा हड़कंप
एमपी विधानसभा की याचिकाएं होंगी डिजिटल, विधायकों को मिलेगा ऑनलाइन समाधान
नेहरू और इंदिरा से की तुलना
थरूर ने एक्स पर लिखा कि संजय, सहमत हूं। लेकिन किसी एक घटना से लंबी सेवा का आकलन नहीं किया जा सकता। नेहरूजी की चीन विफलता और इंदिरा गांधी के आपातकाल से पूरी सेवा का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। आडवाणी जी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us