/sootr/media/media_files/2025/11/09/assembly-digital-2025-11-09-23-22-45.jpg)
Photograph: (THESOOTR)
BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा ने याचिका प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल करने का निर्णय लिया है। अब विधायक अपनी याचिकाएं ऑनलाइन भेज सकेंगे और विभागों से डिजिटल माध्यम से जवाब प्राप्त कर सकेंगे। यह कदम पारदर्शिता और समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
हालांकि विभागीय सुस्ती और अफसरशाही के कारण कई याचिकाएं अभी भी लंबित हैं। डिजिटल याचिकाएं मिलने से इनकी प्रगति को ट्रैक करना आसान होगा और जवाबदेही बढ़ेगी। हालांकि, अफसरशाही की लापरवाही की समस्या अभी भी बनी हुई है।
2132 याचिकाएं दर्ज, 2120 अब भी लंबित
विधानसभा सचिवालय के आंकड़े बताते हैं कि 16वीं विधानसभा में अब तक 2132 याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें से केवल 12 मामलों को नस्तीबद्ध किया गया है, जबकि बाकी 2120 याचिकाएं अब भी प्रक्रियाधीन हैं। इनमें से 1620 याचिकाओं पर अब तक विभागों से जवाब नहीं मिला है।
सबसे अधिक याचिकाएं पंचायत, लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, राजस्व, चिकित्सा शिक्षा और पीएचई विभागों से जुड़ी हैं। वहीं लगभग 500 याचिकाओं पर विभागीय जवाब प्राप्त हुआ है, जिनमें से 50 से 100 प्रकरणों में प्रतिवेदन तैयार किया जा चुका है।
ये खबर भी पढ़ें...
रफ्तार पर ब्रेक! भोपाल मेट्रो के काम में कछुए की चाल, कागजों में तेज, जमीन पर धीमी
निर्देशों के बावजूद नहीं सुधर रही अफसरशाही
विधानसभा अध्यक्ष और सचिवालय की ओर से कई बार निर्देश दिए जा चुके हैं कि विभाग समय सीमा में याचिकाओं पर कार्रवाई करें। लेकिन अफसरशाही की लापरवाही के कारण हालात जस के तस हैं।
उदाहरण के तौर पर, निवाड़ी जिले के ग्राम मजल से ककावनी तक अधूरी सड़क का निर्माण महीनों से अटका हुआ है। इस मामले पर पृथ्वीपुर विधायक नितेन्द्र सिंह राठौर ने मार्च 2025 के सत्र में याचिका लगाई थी, लेकिन आज तक काम शुरू नहीं हुआ।
ये खबरें भी पढ़ें...
राहुल गांधी बोले– वोट चोरी का जल्द करेंगे खुलासा, मोदी-शाह कर रहे लोकतंत्र को कमजोर
राहुल गांधी की जंगल सफारी पर सियासी घमासान: कांग्रेस-बीजेपी में जुबानी जंग तेज
स्थानीय विकास पर असर डाल रही देरी
याचिकाओं में देरी का सीधा असर प्रदेश के 230 विधानसभा क्षेत्रों के विकास कार्यों पर पड़ रहा है। इन याचिकाओं में ज्यादातर मामले सड़क, पुल, बिजली, स्कूल और जलसंसाधन जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़े हैं। कार्रवाई में देरी से न केवल जनता बल्कि जनप्रतिनिधि भी परेशान हैं।
ये खबर भी पढ़ें...
पचमढ़ी में कांग्रेस का मंथन : राहुल गांधी बोले- मिलकर लड़ें, 2028 में सरकार हमारी होगी
जानिए कैसे होती है याचिका की प्रक्रिया
विधानसभा में जब कोई विधायक अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर याचिका लगाता है, तो वह पहले याचिका समिति के पास जाती है। समिति उसे संबंधित विभाग को भेजती है और निर्धारित अवधि में प्रगति रिपोर्ट मांगती है।
समिति समय-समय पर बैठक कर इन याचिकाओं की समीक्षा भी करती है। अब इस पूरी प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया जा रहा है ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जा सके।
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us