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MP NEWS: भारत सरकार ने पाकिस्तान की ओर बहने वाले सिंधु जल को रोकने का निर्णय लिया। इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि पानी पर सभी का अधिकार है चाहे वह किसान भारत का हो या पाकिस्तान का। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के लिए केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि भारत सरकार की नीतियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। उनके इस बयान ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं है।
शिवराज सिंह चौहान पलटवार
शिवराज सिंह चौहान ने नरेश टिकैत के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार का विरोध करते-करते देश का विरोध करने लगे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जो निर्दोषों का खून बहाते हैं, उन्हें पानी देना हमारी नीति नहीं होनी चाहिए। यह बयान उन लोगों के लिए सीधा संदेश था, जो सरकार के फैसलों को संदेह की नजर से देख रहे हैं।
कुछ लोग सरकार का विरोध करते करते देश का विरोध करने लगे हैं, जिन्होंने निर्दोषों का खून बहाया है, उनकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें पानी नहीं देंगे।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) April 28, 2025
- माननीय केंद्रीय मंत्री श्री @ChouhanShivraj जी pic.twitter.com/qQXN2JX006
नरेश टिकैत ने दी सफाई
विवाद बढ़ने पर नरेश टिकैत ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि वह भारत के साथ हैं और हमेशा साथ रहेंगे। उनका मकसद सरकार की आलोचना नहीं, बल्कि समाधान की बात करना था। टिकैत ने यह भी जोड़ा कि पर्यावरण, जीव-जंतु और किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए पानी जैसे संसाधनों को रोका नहीं जाना चाहिए।
WATCH | Amid #PahalgamTerrorAttack, Naresh Tikait’s Pro-Pakistan Sentiment Surfaces
— Organiser Weekly (@eOrganiser) April 28, 2025
Naresh Tikait, brother of Rakesh Tikait & President of BKU, said, “..Putting the Indus Waters Treaty in abeyance is a wrong decision. It should remain in force, and water should continue flowing… pic.twitter.com/IN700jnZk3
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आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो
टिकैत का तर्क था कि पाकिस्तान के किसानों को पानी रोकने से नुकसान होगा और इसका प्रभाव भारत-पाक संबंधों के साथ-साथ कृषि व्यवस्था पर भी पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन प्रकृति के संसाधनों को हथियार नहीं बनाना चाहिए।
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भारत ने सिंधु जल समझौते को किया निलंबित
भारत सरकार ने पाकिस्तान के प्रति सख्ती दिखाते हुए सिंधु जल समझौता को आंशिक रूप से निलंबित कर दिया है। यह समझौता 1960 में हुआ था, जिसमें भारत-पाकिस्तान के बीच जल वितरण को लेकर नियम तय किए गए थे। आतंकी हमलों के चलते सरकार अब इस पर पुनर्विचार कर रही है।