स्मोकिंग करने वालों में बढ़ रहा स्लिप डिस्क का खतरा! रीढ़ की हड्डी हो रही कमजोर, डॉक्टरों ने दी चेतावनी

रेगुलर स्मोकिंग से रीढ़ की हड्डी कमजोर हो सकती है, जिससे स्लिप डिस्क (slip disk) की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जानिए कैसे यह आदत आपकी सेहत को प्रभावित कर सकती है और डॉक्टरों की क्या सलाह है।

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Sanjay Dhiman
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स्मोकिंग के बारे में तो हम सभी जानते हैं कि यह सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन क्या आपको पता है कि यह सिर्फ फेफड़ों और हृदय पर ही असर नहीं डालता, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी को भी प्रभावित कर सकता है? हां, आपने सही सुना।

हाल ही में एक शोध में यह सामने आया है कि धूम्रपान करने से स्लिप डिस्क (Slip Disk) होने का खतरा बढ़ सकता है। स्लिप डिस्क एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क खिसक जाती है, और यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ आम हो जाती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि स्मोकिंग के कारण स्लिप डिस्क क्यों होती है, इसके लक्षण क्या हैं, और डॉक्टरों की क्या सलाह है। 

स्लिप डिस्क क्या है? (What is Slip Disk?)

स्लिप डिस्क तब होती है जब रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क अपनी सामान्य जगह से खिसक जाती है और नसों पर दबाव डालती है। इसका असर कमर, गर्दन, या पैरों में तेज दर्द के रूप में दिखाई दे सकता है।

जिन लोगों को यह समस्या होती है, उन्हें आमतौर पर लगातार दर्द होता है और चलने, उठने, बैठने में दिक्कत आती है। यह समस्या समय और उम्र के साथ लगातार बढ़ती जाती है। 

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स्मोकिंग से स्लिप डिस्क का खतरा कैसे बढ़ता है?

स्मोकिंग से स्लिप डिस्क होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार, धूम्रपान करने से रीढ़ की हड्डी में रक्त प्रवाह में कमी आती है, जो डिस्क के पोषण के लिए आवश्यक होता है।

रिसर्च में यह पाया गया है कि सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन जैसे निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड ब्लड सर्कुलेशन को खराब करते हैं। इससे डिस्क के बाहरी रिंग में मौजूद कोलेजन फाइबर कमजोर हो जाते हैं, जिससे डिस्क बाहर आ सकती है या टूट सकती है, और स्लिप डिस्क का खतरा बढ़ जाता है। 

आपके स्वास्थ्य से जुड़ी इस महत्वपूर्ण रिसर्च को ऐसे समझें 

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स्मोकिंग और स्लिप डिस्क का संबंध: रिसर्च में सामने आया है कि धूम्रपान से स्लिप डिस्क (रीढ़ की हड्डी का कमजोर होना) का खतरा बढ़ता है।

रीढ़ की हड्डी में दबाव: सिगरेट के धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करते हैं, जिससे डिस्क कमजोर हो जाती है।

लक्षण: स्लिप डिस्क के कारण कमर, गर्दन और पैरों में दर्द, सुन्नपन और झनझनाहट हो सकती है।

डॉक्टरों की चेतावनी: उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NEIGRIHMS) के डॉक्टरों ने स्मोकिंग से बचने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य सुधार: स्मोकिंग छोड़ने से केवल रीढ़ की हड्डी ही नहीं, बल्कि मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ भी बेहतर हो सकती है।

स्लिप डिस्क का प्रमुख कारण स्मोकिंग

उत्तर-पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NEIGRIHMS) के डॉक्टरों ने हाल ही में एक शोध में यह पाया कि स्लिप डिस्क (slip disk) के मामलों में स्मोकिंग एक प्रमुख कारण है। इस शोध के दौरान एक मरीज की सफल सर्जरी की गई, जिसे बार-बार स्लिप डिस्क की समस्या हो रही थी।

डॉक्टरों ने बताया कि स्मोकिंग के कारण ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है असर, जिससे रीढ़ की हड्डी के आस-पास की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। यह समस्या खासकर पीठ के निचले हिस्से में ज्यादा देखने को मिलती है, जहां डिस्क बाहर आने का खतरा अधिक होता है।

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डॉक्टरों की सलाह: स्मोकिंग छोड़ने की आवश्यकता

डॉक्टरों ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर आप स्लिप डिस्क (slip disk) की समस्या से बचना चाहते हैं तो स्मोकिंग छोड़ने से आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत रहेगी और दर्द कम होगा। धूम्रपान के कारण पूरी मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ (musculoskeletal health) बिगड़ जाती है। इसलिए चिकित्सकों ने स्मोकिंग की आदत को जल्द से जल्द छोड़ने की सलाह दी है। 

FAQ

स्मोकिंग से स्लिप डिस्क का खतरा कैसे बढ़ता है?
स्मोकिंग के कारण रक्त सर्कुलेशन में कमी आती है, जिससे रीढ़ की हड्डी के आसपास की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इस कारण डिस्क को ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता, और यह कमजोर हो जाती है, जिससे स्लिप डिस्क (slip disk) का खतरा बढ़ जाता है।
स्लिप डिस्क के लक्षण क्या होते हैं?
स्लिप डिस्क के लक्षणों में कमर और गर्दन में लगातार दर्द, हाथ-पैर में सुन्नपन, झनझनाहट और चलने-उठने-बैठने में दिक्कतें शामिल हैं। इसके अलावा, पीठ के निचले हिस्से में दर्द बढ़ सकता है और यह समस्या बढ़ती उम्र के साथ और अधिक सामान्य हो जाती है।
स्मोकिंग छोड़ने से स्लिप डिस्क की समस्या में कैसे सुधार हो सकता है?
स्मोकिंग छोड़ने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जिससे रीढ़ की हड्डी और डिस्क को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलता है। इसके परिणामस्वरूप, डिस्क कमजोर नहीं पड़ती और स्लिप डिस्क (slip disk) के होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, स्मोकिंग छोड़ने से शरीर की मस्कुलोस्केलेटल हेल्थ भी बेहतर होती है।

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