अब एआई और आयर्वुेद साथ मिल खोजेंगे बीमारी देंगे समाधान, जोधपुर आईआईटी विशेषज्ञों ने विकसित की डिवाइस

आईआईटी जोधपुर और आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने आयुर्वेद और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संगम से आधूनिक डिवाइस तैयार की है जो चंद सेकंड़ में किसी मरीज की पूरी बाॅडी स्केन कर उसके हर मर्ज का पता लगा देगी, साथ ही तुरंत उपचार भी मिल जाएगा। 

author-image
Sanjay Dhiman
New Update
Ayurveda with AI

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

चंद सेकंडस में किसी व्यक्ति के पूरे शरीर का बारिकी से परीक्षण और उसके तुरंत बाद उसके हर मर्ज की दवा औ सलाह। सुनने में आज भले ही यह कोई कोरी कल्पना जैसा लग रहा हो, लेकिन बहुत जल्द यह पूरा काम हकीकत में बदलने जा रहा है। इस कल्पना को साकार रूप देने में लगे है आईआईटी जोधपुर और आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक।

दोनों संस्थानों के विशेषज्ञ आयुर्वेद और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(Artificial Intelligence) के संगम से एक ऐसी आधूनिक डिवाइस तैयार करने में लगे है जो चंद सेकंड़ में किसी मरीज की पूरी बाॅडी स्केन कर उसके हर मर्ज का पता लगा देगी, साथ ही तुरंत उपचार भी मिल जाएगा।  

आयुर्वेद और AI ने विकसित किया डिवाइस

इस नई तकनीक में आयुर्वेद के प्राचीन सिद्धांतों और AI की आधुनिक तकनीकों को एक साथ मिलाकर एक अत्याधुनिक डिवाइस विकसित किया गया है। इस डिवाइस में डिजिटल हेल्थ और बायो साइंसेज के तकनीकी तत्वों का भी समावेश किया गया है। जैसे ही कोई व्यक्ति इस स्मार्ट डिवाइस के सामने खड़ा होता है, डिवाइस उसकी पूरी बॉडी की स्कैनिंग करती है और कुछ ही पलों में उसकी बीमारी का पता लगा लिया जाता है। यह तकनीक न केवल बीमारी का निदान करती है, बल्कि इसका इलाज भी सुझाती है।

यह खबरें भी पढ़ें..

राजस्थान यूनिवर्सिटी में रैगिंग : सीनियर छात्रों ने 35 नए विद्यार्थियों को 7 दिन तक परेशान किया

राजस्थान में डॉग बाइट के बढ़ते मामले और निराश्रित पशुओं से सड़क हादसे, हाईकोर्ट ने कहा सड़कें आमजन के लिए असुरक्षित

आयुर्वेद विश्वविद्यालय और IIT जोधपुर का योगदान

आयुर्वेद विश्वविद्यालय और आईआईटी जोधपुर के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम ने इस डिवाइस के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रोफेसर मिताली मुखर्जी और प्रोफेसर अजय अग्रवाल जैसे प्रमुख वैज्ञानिकों ने इस परियोजना का नेतृत्व किया है। इसके साथ ही, भारत के विभिन्न शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थान इस पहल में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। इस प्रयास से आयुर्वेद को आधुनिक युग में प्रासंगिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। 

आयर्वुेद और एआई के नए प्रयोग को ऐसे समझें IN SHORT में  

Indian Institute of Technology (IIT) Jodhpur

आयुर्वेद और AI का संगम: जोधपुर में आईआईटी जोधपुर, आयुर्वेद विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों ने मिलकर एक स्मार्ट डिवाइस विकसित किया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आयुर्वेद के संयोजन से काम करता है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांति: इस डिवाइस से रोगियों की बीमारी का पता सिर्फ कुछ सेकंड्स में लग जाएगा और इसका इलाज भी तुरंत किया जा सकेगा।

विश्व का पहला आयुर्टेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: जोधपुर में आयुर्वेद और AI के समावेश से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए स्मार्ट डिवाइस बनाने वाली दुनिया की पहली संस्थान की स्थापना की गई है।

प्रमुख संस्थान और वैज्ञानिक योगदान: प्रोफेसर मिताली मुखर्जी और प्रोफेसर अजय अग्रवाल के नेतृत्व में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की टीम इस नवाचार पर काम कर रही है।

आयुर्वेद को आधुनिक बनाना: आयुर्वेद और तकनीक के इस संगम से भारतीय आयुर्वेद पद्धति को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं।

 

 

आयुर्वेद और टेक्नाॅलाजी का संगम है आयुर्टेक

आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर अविनाश अग्रवाल ने बताया कि आने वाला युग आयुर्वेद और तकनीक के मेल का युग है, तकनीक के साथ आयुर्वेद को नया नाम मिला है आयुर्टेक। 90 से अधिक आयुर्वेद स्नातकोत्तर छात्रों को एआई और डिजिटल टूल्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह छात्र तकनीक और आयर्वुेद के संगम से नए प्रयोग और अवधारणाएं प्रस्तुत कर रहे है। यह नई डिवाइस भी इसी सामुहिक प्रयास का नतीजा है, जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे है। 

यह खबरें भी पढ़ें..

आज उज्जैन दौरे पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, देंगे 3 नई ट्रेनों की सौगात, ऐसा रहेगा पूरा शेड्यूल

एमपी में डीएसपी ने की खुदकुशी की कोशिश, सुसाइड नोट में सीनियर अफसरों के नाम से बढ़ी हलचल

आयुर्वेद के नए युग की शुरुआत

आयुर्वेद में AI का समावेश स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक नया युग लेकर आ रहा है। इस नई पहल का उद्देश्य आयुर्वेद के सिद्धांतों को और अधिक प्रभावी बनाना है, ताकि यह नई पीढ़ी के लिए भी उपयोगी हो सके। आयुर्वेद में AI का समावेश केवल एक तकनीकी नवाचार नहीं है, बल्कि यह हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बनाने का एक तरीका है।

आयुर्वेद और AI का भविष्य

आयुर्वेद और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस संगम से स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा मिल रही है। आने वाले समय में, इस प्रकार की स्मार्ट डिवाइसें चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं। भारत में आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर इसे और भी प्रभावी और प्रासंगिक बनाया जा रहा है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

राजस्थान Artificial Intelligence AI बीमारी आयुर्वेद डिजिटल हेल्थ आईआईटी जोधपुर