9 से 16 साल की लड़कियों को लगेगी कैंसर वैक्सीन, जल्द होगी उपलब्ध
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैंसर के मामलों में देश में वृद्धि हो रही है और इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं की नियमित जांच की जाएगी...
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के कैंसर से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि महिलाओं में पाए जाने वाले कैंसरों से लड़ने के लिए एक वैक्सीनेशन कार्यक्रम जल्द ही शुरू होगा। यह वैक्सीन अगले पांच से छह महीनों में उपलब्ध हो जाएगी और अभी इसका रिसर्च लगभग पूरा हो चुका है। साथ ही, इस वैक्सीन का परीक्षण भी चल रहा है। मंत्री ने कहा कि यह वैक्सीन खासकर 9 से 16 साल की उम्र की लड़कियों के लिए तैयार की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैंसर के मामलों में देश में वृद्धि हो रही है और इस गंभीर मुद्दे को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं की नियमित जांच की जाएगी और उनके लिए अस्पतालों में कैंसर की जल्दी पहचान के लिए डेकेयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही, सरकार ने कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं पर से सीमा शुल्क हटा दिया है, जिससे इलाज की लागत कम हो सकेगी।
वैक्सीन लाएंगी बड़ा बदलाव
इस वैक्सीनेशन के बारे में पूछे जाने पर मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि यह वैक्सीन विशेष रूप से ब्रेस्ट, ओरल और सर्वाइकल कैंसर से बचाव करेगी। यह वैक्सीनेशन कैंसर से संबंधित कई महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करेगी और महिलाओं के स्वास्थ्य में एक बड़ा बदलाव ला सकती है।
जाधव ने यह भी बताया कि देश में मौजूदा स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को आयुष चिकित्सा सुविधाओं में बदलने की दिशा में सरकार काम कर रही है। अस्पतालों में आयुष विभाग पहले से हैं और लोगों को इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार ने देशभर में 12,500 आयुष स्वास्थ्य सुविधाओं की योजना बनाई है, और इनकी संख्या को बढ़ाया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति बेहद प्रतिबद्ध है और जल्द ही इस नई वैक्सीनेशन की सुविधा देशभर में उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, कैंसर के इलाज के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि यह बीमारी समय पर पहचानी जा सके और उसका इलाज संभव हो।