गुना में कैंसर से पीड़ित मरीज ने बीमारी से परेशान होकर घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह कदम उठाने से पहले से व्यक्ति ने सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें अपनी मर्जी से कदम उठाने और अपनी पीड़ा की बातों की जिक्र किया, साथ ही लिखा कि तेरहवीं में मृत्यु भोज न दिया जाए। यह आखिरी इच्छा है। ये ली जिक्र किया कि परिवार में किसी को भी पुलिस की ओर से परेशान नहीं किया जाए।
जानें पूरा मामला
जानकारी के अनुसार के पूरा मामला गुना के कैंट थाना क्षेत्र की साईं सिटी कॉलोनी का है। साईं सिटी कॉलोनी में हरिओम राठौर(46) पिता तुलसीराम राठौर अपने परिवार के साथ रहते थे। फ्रूट्स व्यापारी हरिओम राठौर कई दिनों से पेट संबंधी बीमारी से परेशान थे। जिसको लेकर इलाज भी जारी था। वह भोपाल, इंदौर समेत अन्य शहरों में डॉक्टरों से इलाज कराया। आखिर में बीमारी से परेशान होकर कमरे में पंखे से फंदा बनाकर फांसली लगा ली। हरिओम की मौत के बाद घर और पड़ोस में मातम पसरा हुआ है।
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कमरे में फंदे से लटका मिला शव
मामले में छोटे भाई कृष्णा का कहना है कि बड़े भाई हरिओम ने रोज की तरह परिवार के साथ भोजन किया। इसके बाद वह सभी सोने चले गए। सुबह 4:30 बजे उनकी बेटी पानी पीने के उठी तो उसने देखा पिता के कमरे का दरवाजा बंद है। गेट खटखटाने पर भी कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद बेटी ने घर में सदस्यों को जगाया। उन्होंने भी गेट खटखटाया। फोन भी किया लेकिन कॉल नहीं उठा। आखिरकार गेट तोड़ा गया, अंदर देखा कि भाई हरिओम का पंखे पर फंदे से लटका हुआ है।
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हरिओम राठौर ने सुसाइड में लिखा....
फल व्यापारी हरिओम राठौर ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट छोड़ा है। उन्होंने लिखा- परिवार के सभी सदस्यों को मेरा प्यार। मैंने ये फैसला बहुत सोच समझकर लिया है। मेरे से अब और दर्द सहन नहीं कर सकता। मैं अब जा रहा हूं। मुझे माफ करना और तुम सब हिम्मत रखना। सभी मिल जुलकर रहना। मेरे (अग्नाशय) कैंसर का जो कभी ठीक नहीं हो सकता। सुषमा घबराना नहीं। सब खुश रहना, तभी मेरी आत्मा को शांति मिलेगी।
तेरहवीं में मृत्यु भोज नहीं कराए परिवार
उन्होंने अपनी मां, पत्नी, भाई और बच्चों के लिए लिखा है कि सब खुश रहना। सुसाइड नोट में लिखा कि मेरी अंतिम इच्छा यह है कि मेरी तेरहवीं में मृत्यु भोज नहीं कराया जाए, कार्यक्रम साधारण तरीके से किया जाए। हो सके तो मेरी ये आखिरी इच्छा पूरी करना। मैं हरिओम मेरी मर्जी से ये कदम उठा रहा हूं। साथ ही उन्होंने लिखा की किसी को भी पुलिस की ओर से परेशान नहीं किया जाए।
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इंटरनेट पर देखते थे इलाज
भाई कृष्णा ने आगे बताया कि उनके भाई हरिओम पेट संबंधी बीमारियों से परेशान चल रहे थे। कई दिनों से उनका इलाज जारी था। वह इंटरनेट पर बीमारी का इलाज खोजा करते थे। उन्होंने बीमारी के इलाज से जुड़े कई वीडियो देखे। फिलहाल मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
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