![farmer committed suicide bhilai suicide note found](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2024/12/24/qg0kea2nw79siz0GxzYe.jpg)
छत्तीसगढ़ के भिलाई से चौंका देने वाला मामला सामने आया है। एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान के शव के पास सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में भू-माफिया प्रदीप यादव, इंद्रजीत यादव और राहुल सिन्हा का नाम है। पिछले 10 महीने से परिवार न्याय के लिए भटक रहा है, लेकिन अब तक सुसाइड नोट की जांच नहीं हो सकी। मामला जामुल थाना के ढौर गांव का है।
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इस वजह से परेशान था किसान
जुगल किशोर की पत्नी लता बंजारे और मां का भी कहना है कि वो किसी प्रदीप यादव, इंद्रजीत और राहुल सिन्हा नाम के भू-माफिया से परेशान थे। जुगल ने उन लोगों से जमीन का सौदा कर लिया था, लेकिन उन लोगों ने जमीन लेकर पैसा नहीं दिया।
इसके चलते उसने 3 फरवरी 2024 को आत्महत्या कर ली। मृत किसान जुगल किशोर बंजारे के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मर्ग कायम कर केस डायरी के दबा दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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जेब से सुसाइड नोट बरामद
दरअसल, आत्महत्या की सूचना मिलते ही तत्कालीन थाना प्रभारी प्रदीप कोशले और उनकी टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने जुगल किशोर के लटकते शव की तलाशी ली। पैंट की पिछली जेब से सुसाइड नोट बरामद हुआ।
परिवार ने बताया कि पुलिस ने मर्ग कायम कर जुगल किशोर की पत्नी, मां, बड़े भाई, और रिश्तेदारों से बयान लिया। सभी ने यह कहा कि तीनों भू-माफिया के द्वारा जमीन लेकर पैसा ना देने से जुगल परेशान था। इसके बाद भी पुलिस ने मामले में आरोपियों से पूछताछ नहीं की।
इलाज तक के लिए रुपए नहीं दिए
जुगल की मां ने बताया कि उसको बवासीर की बीमारी थी। वो उससे काफी परेशान था। एक बार ऑपरेशन कराया उसके बाद भी बीमारी से निजात नहीं मिली। उसने जमीन के पैसों के लिए बिल्डरों से बात की, लेकिन उन्होंने इलाज तक के लिए रुपए नहीं दिए।
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6 महीने से FSL में पड़ा है सुसाइड नोट
जामुल पुलिस से मामले की जानकारी ली गई तो पता चला कि तत्कालीन थाना प्रभारी ने मामले में केस दर्ज किया था। इसके बाद उन्होंने 19 जून 2024 को सुसाइड नोट को हैंडराइटिंग मिलान के लिए रायपुर स्थित एफएसएल कार्यालय भेजा था। सुसाइड नोट भेजे 6 महीने बीत चुके हैं, लेकिन रिपोर्ट नहीं आई। सुसाइड नोट में किसकी हैंडराइटिंग लिखी है, इसका भी पता नहीं चल सका।
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