पद्मनाभस्वामी मंदिर में कैमरे वाला चश्मा पहनकर घुसा श्रद्धालु, करने लगा रिकॉर्डिंग फिर...

केरल में एक शख्स ने कैमरे वाले स्मार्ट ग्लास पहनकर पद्मनाभस्वामी मंदिर में दाखिल होने की कोशिश की। मंदिर के सख्त जांच के बाद भी श्रद्धालु ने एंट्री ले ली।

author-image
Rohit Sahu
New Update
kerala padmanabh swami
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित ऐतिहासिक पद्मनाभस्वामी मंदिर में की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई। दरअसल गुजरात का रहने वाला सुरेंद्र शाह नाम का एक व्यक्ति मंदिर में कैमरे के साथ पहुंच गया। सुरेंद्र ने स्मार्ट ग्लास (कैमरे वाला चश्मा) पहनकर मंदिर में एंट्री ली इसके बाद वह मंदिर के भीतर वीडियो रिकॉर्डिंग करने लगा।

सुरक्षाकर्मियों को ऐसे हुआ शक

सुरेंद्र इधर उधर घूम कर मंदिर परिसर में हर तरफ ध्यान से देख रहा था। सुरक्षाकर्मियों को उसके हावभाव देखकर शक हो गया। इसके बाद उसे पकड़ लिया गया। जांच के दौरान उसके चश्में में स्पाई कैमरे मिले। मंदिर के नियमों के उल्लंघन के चलते उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।

पद्मनाभस्वामी मंदिर में क्या है नियम

मंदिर में किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर प्रतिबंध है। खासकर ऐसे उपकरण जो रिकॉर्डिंग के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। इसके अलावा पहनावे को लेकर भी नियम हैं।

पुलिस कार्रवाई और कानूनी पहलू

मंदिर प्रशासन ने शाह के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।  हालांकि पुलिस का कहना है कि फिलहाल किसी दुर्भावना या साजिश का संकेत नहीं मिला है। लेकिन मामले की जांच जारी है और शाह को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है।

यह भी पढ़ें...MP के मंदिरों में महिलाओं के लिए ड्रेस कोड का फरमान, ये कपड़े पहने तो नहीं दी जाएगी एंट्री

पद्मनाभस्वामी मंदिर की सख्त परंपराएं

भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में गिने जाने वाले इस मंदिर की पहचान उसकी परंपरा और सुरक्षा से भी है। पुरुषों को धोती और महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है। अन्य कपड़ों में मंदिर में प्रवेश वर्जित है।

भव्यता और स्वर्ण गोपुरम के लिए प्रसिद्ध मंदिर

मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। मंदिर की स्थापना त्रावणकोर के शाही परिवार द्वारा की गई थी।

यह भी पढ़ें...पुरी में बहुड़ा यात्रा के साथ रथ यात्रा का हुआ समापन, श्रीमंदिर को लौटे भगवान जगन्नाथ

 पद्मनाभस्वामी मंदिर पर सरकार का नहीं अधिकार

1750 में महाराज मार्तण्ड वर्मा ने खुद को पद्मनाभ दास घोषित किया और शाही परिवार की संपत्ति मंदिर को समर्पित कर दी। आज भी मंदिर का प्रशासन शाही परिवार के ट्रस्ट के अधीन है। भारत सरकार ने आजादी के बाद भी इस मंदिर को अपने अधीन नहीं लिया।

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें

📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर | Kerala | मंदिर समिति का फैसला | ट्रैप कैमरे लगाए 

मंदिर समिति का फैसला Kerala तिरुवनंतपुरम स्पाई कैमरे ट्रैप कैमरे लगाए श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर