Airtel, VI, Tata को सुप्रीम कोर्ट से झटका, VI का दावा 2026 में कंपनी हो जाएगी बंद

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने AGR बकाया पर ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज को माफ करने की मांग की थी।

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Rohit Sahu
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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों—एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने AGR बकाया में राहत देने की याचिकाओं को खारिज करते हुए इन कंपनियों को बड़ा झटका दिया है। इन कंपनियों ने सरकार से ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज माफ करने की मांग की थी।

एक दिन पहले वोडाफोन आइडिया ने लगाई थी गुहार

इस फैसले से ठीक पहले वोडाफोन आइडिया ने कोर्ट में अर्जी दी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने कोर्ट से कहा था कि वह 45 हजार करोड़ से ज्यादा के AGR बकाया में डूबी है और अगर मदद नहीं मिली तो कंपनी को बंद करने की नौबत आ सकती है।

एयरटेल ने भी मांगी थी बड़ी राहत

एयरटेल और उसकी सब्सिडियरी भारती हेक्साकॉम ने कोर्ट से 34 हजार 745 करोड़ की राहत की मांग की थी। कंपनी ने स्पष्ट किया था कि वह पुराने कोर्ट आदेश को चुनौती नहीं दे रही है लेकिन उस पर ब्याज और जुर्माने का बोझ असहनीय हो गया है।

वोडाफोन आइडिया (VI) बोली-2026 में बंद हो जाएगी कंपनी

वोडाफोन आइडिया (Vodafone idea) ने सरकार को चेताया कि अगर और मदद नहीं मिली तो वह 2025-26 के बाद संचालन बंद कर देगी। कंपनी का दावा है कि उसे दिवालिया घोषित करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। Vi ने कहा कि उसने 26,000 करोड़ की नई पूंजी जुटाई है, और सरकार ने भी उसका बकाया शेयरों में बदल दिया है, लेकिन बैंक अब भी कर्ज देने को तैयार नहीं हैं।

1.18 लाख करोड़ के स्पेक्ट्रम बकाया बदले शेयर में

Vi ने जानकारी दी कि सरकार ने पहले ही 1.18 लाख करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम बकाया शेयरों में बदल दिया है और अब कंपनी में 49% हिस्सेदारी सरकार की है। यदि कंपनी बंद होती है तो सरकार की यह हिस्सेदारी बेकार हो जाएगी।

जस्टिस पारदीवाला और महादेवन की बेंच ने सुनाया फैसला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की डबल बेंच ने सोमवार को सुनवाई करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वह टेलीकॉम कंपनियों को कोई अतिरिक्त राहत नहीं देने जा रही है। कोर्ट ने कहा कि ब्याज और जुर्माना माफ करने की कोई संवैधानिक या कानूनी बाध्यता नहीं बनती।

एयरटेल ने Vi का हवाला देकर याचिका दायर की थी

एयरटेल (Airtel) ने भी AGR बकाया को लेकर नई याचिका दायर की थी, जिसमें उसने वोडाफोन आइडिया की स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि यह राहत सभी लाइसेंसधारकों को समान रूप से दी जानी चाहिए। कंपनी ने कहा कि इससे पूरे टेलीकॉम सेक्टर पर असर पड़ेगा।

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सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय– कोई राहत नहीं

सोमवार को कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया की याचिका को सुनने के बाद स्पष्ट रूप से मना कर दिया कि कोई राहत नहीं दी जाएगी। यह निर्णय खासकर वोडाफोन आइडिया के लिए बड़ा झटका है, जो पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही है।

शेयर बाजार में कंपनियों की हालत भी बिगड़ी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर शेयर बाजार में भी दिखा। वोडाफोन आइडिया के शेयर में 9.23% की गिरावट आई और यह 6.67 पर पहुंच गया। दिन का न्यूनतम स्तर 6.48 और अधिकतम 7.21 रुपए रहा। वहीं भारती एयरटेल के शेयर भी 0.21% गिरकर 1,818.20 पर बंद हुए। इसका दिन का न्यूनतम 1,809 और उच्चतम 1,828.70 रहा।

AGR बकाया क्या होता है?

AGR यानी Adjusted Gross Revenue, टेलीकॉम कंपनियों की कुल आय का वह हिस्सा होता है जिस पर सरकार विभिन्न टैक्स और फीस लगाती है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कंपनियों को पुराना बकाया देना होगा। अब उन्होंने ब्याज और जुर्माने पर राहत मांगी थी।

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आसान भाषा में समझें खबर

  1. सुप्रीम कोर्ट ने एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज की AGR राहत याचिका खारिज की।

  2. वोडाफोन आइडिया ने कहा – ₹45,000 करोड़ बकाया है, अगर मदद नहीं मिली तो कंपनी बंद हो सकती है।

  3. एयरटेल ने ₹34,745 करोड़ की राहत मांगी थी, पर कोर्ट ने उसे भी नहीं माना।

  4. Vi ने कहा – बैंक कर्ज नहीं दे रहे, सरकार की 49% हिस्सेदारी भी खतरे में पड़ जाएगी।

  5. फैसले के बाद Vi के शेयर में 9% और एयरटेल में 0.21% की गिरावट दर्ज की गई।

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