सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सड़क हादसों में घायलों के इलाज के लिए कैशलेस योजना तैयार करने में हो रही देरी पर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि यह न केवल अदालत के आदेशों का उल्लंघन है, बल्कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून को लागू करने में कोताही भी है, जिसका उद्देश्य सड़क हादसों के पीड़ितों को त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सुविधा प्रदान करना था।
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कोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण
कोर्ट ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव को इस मामले में सफाई देने के लिए तलब किया है। कोर्ट ने मंत्रालय से यह पूछा कि 8 जनवरी को दिए गए आदेश के पालन में देरी क्यों हुई, और क्यों 15 मार्च तक तैयार की जाने वाली योजना लागू नहीं की गई। जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि यह मामले की गंभीरता को देखते हुए, आदेश का पालन न करना उचित नहीं है।
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कोर्ट की चेतावनी
केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने अदालत में यह तर्क रखा कि अधिकारी कुछ अड़चनों का सामना कर रहे हैं। इस पर जस्टिस ओका ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, "यह आपका अपना कानून है, लोग जान गंवा रहे हैं क्योंकि कैशलेस इलाज की कोई सुविधा नहीं है। यह आम लोगों के फायदे के लिए है। हम आपको नोटिस दे रहे हैं, हम अवमानना के तहत कार्रवाई करेंगे।" इसके बाद, पीठ ने मंत्रालय के सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने और सफाई देने का आदेश दिया।
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सुनवाई की अगली तारीख
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल 2025 तक के लिए स्थगित कर दी है। अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव को सभी जिला मजिस्ट्रेटों को लिखित निर्देश भेजने होंगे, ताकि उन हिट-एंड-रन मामलों के दावों को जीआईसी पोर्टल पर अपलोड किया जा सके जिनकी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है।
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कैशलेस इलाज योजना का महत्व
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि सड़क हादसों में घायलों के लिए कैशलेस इलाज योजना का उद्देश्य हादसे के बाद तत्काल चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराना है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि इलाज में देरी अक्सर दुर्घटना पीड़ितों के लिए जानलेवा साबित होती है, खासकर जब वित्तीय चिंताओं या प्रक्रियागत बाधाओं के कारण इलाज में रुकावटें आती हैं।
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कैशलेस इलाज योजना
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कैशलेस इलाज योजना लॉन्च की थी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च 2024 को रोड एक्सीडेंट पीड़ितों के कैशलेस इलाज के लिए पायलट प्रोजेक्ट 'कैशलेस इलाज योजना' शुरू किया था। इसके बाद 7 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे जल्द ही देशभर में लॉन्च करने की घोषणा की थी।