सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने मणिपुर ( Manipur ) के छात्रों को हो रही दिक्कत को देखते हुए छात्रों को चूड़ा चांदपुर से दिमापुर जाने के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के बाहर जाने वाले हर कैंडिडेट को पांच हजार रुपए और राज्य के अंदर एग्जाम देने वाले को तीन हजार रुपए देने का आदेश दिया है।
ट्रांसपोर्ट नहीं मिलने पर 5 दे सरकार
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उपद्रव ग्रस्त इलाके के एक उम्मीदवार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस न मिलने की वजह से पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। याचिका में कैंडिडेट की ओर से स्टेट बस का किराया या ट्रेन में दूसरे दर्जे का किराया देने की मांग भी की गई थी..साथ ही रहने खाने के लिए पैसे की मांग की गई थी।
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सीजेआई क्या बोलें
कोर्ट में सीजेआई की बेंच ने कहा कि जो लोग वर्तमान में मणिपुर के पर्वतीय जिलों में रह रहे हैं और यूपीएससी एग्जाम ( upsc exam ) के लिए अप्लाई किया है, उनमें से प्रत्येक उम्मीदवार को हर एक दिन 3 हजार रुपए दिए जाए ताकि वे एग्जाम में शामिल होने के लिए राज्य के बाहर की यात्रा कर सकता है। बेंच ने आगे कहा कि इस लाभ को प्राप्त करने के इच्छुक कैंडिडेट इस आदेश में उल्लेख किए गए ईमेल पते पर वहां के नोडल अधिकारी को सूचित करे, जहां सभी कैंडिडेट्स वर्तमान में रह रहे हैं।
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हाईकोर्ट ने दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट 140 छात्रों की ओर से मणिपुर के बाहर एग्जाम सेंटर देने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस कार्यवाही के दौरान, अदालत को बताया गया कि हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उनमें से प्रत्येक कैंडिडेट को 1,500 रुपए देने के लिए कहा था, जिन्होंने मणिपुर राज्य के बाहर एग्जाम सेंटर का विकल्प चुना है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ( Chief Justice of India DY Chandrachud ) ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि परिवहन की व्यवस्था करना व्यावहारिक नहीं था, ऐसे में भत्ता 1,500 रुपए से बढ़ा दिया है। हमारा विचार है कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपए ( 3 thousand rupees ) कर दिया जाए।