वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश: नई नियुक्तियों पर रोक, अगली सुनवाई 5 मई को

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। सरकार को 7 दिन का समय दिया गया और वक्फ संपत्तियों पर किसी भी बदलाव पर रोक लगाई गई।

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Jitendra Shrivastava
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THE SOOTR

supreme-court-wakf-case Photograph: (THE SOOTR)

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भारत के वक्फ कानून ( Waqf Law ) की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई, जिसमें केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए समय मांगा। सरकार ने अदालत से यह आग्रह किया कि उसे जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार कर लिया और सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक 'वक्फ बाय डीड' और 'वक्फ बाय यूजर' को गैर-अधिसूचित (Unnotified) नहीं किया जाएगा। 

वक्फ संपत्तियों में नहीं होगा बदलाव

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का समय दिया और साथ ही यह स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाओं की संख्या बहुत अधिक होने के कारण, केवल 5 प्रमुख याचिकाओं पर ही सुनवाई की जाएगी। 

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वक्फ संपत्तियों पर रोक की स्थिति

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि यदि वक्फ संपत्ति का पंजीकरण 1995 के अधिनियम (1995 Act) के तहत हुआ है, तो उसे किसी भी हालत में छेड़ा नहीं जाएगा। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने यह आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक वक्फ बाय डीड और वक्फ बाय यूजर की स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं होगा। 

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कोर्ट ने क्यों लिया यह फैसला?

सीजेआई (Chief Justice of India) संजीव खन्ना ने कहा कि सरकार को यह समझने की जरूरत है कि वक्फ कानून में कुछ सकारात्मक तत्व हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में बदलाव से होने वाले प्रभाव पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वे कानून पर पूर्ण रूप से रोक नहीं लगा सकते, लेकिन मौजूदा स्थिति को बदलने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी।

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अगली सुनवाई 5 मई को

केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को एक कैविएट दायर कर सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि वक्फ कानून से जुड़े किसी भी आदेश को पारित करने से पहले उसका पक्ष सुना जाए। सरकार ने यह आश्वासन दिया कि वह अगले कुछ दिनों में वक्फ संपत्तियों की स्थिति पर स्पष्टता प्रदान करेगी और कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। अगली सुनवाई 5 मई को होगी, जहां इस मामले में आगे के आदेश दिए जाएंगे। 

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ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया

इस मामले में एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे (Stay) लगा दिया है, और उन्होंने इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध जताया। ओवैसी ने कहा कि वह इस कानून का विरोध करते रहेंगे, क्योंकि यह उनके समुदाय के अधिकारों पर हमला है।

कोर्ट के सरकार को स्पष्टता के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश वक्फ कानून के तहत संपत्तियों की अधिसूचना और उनके उपयोग को लेकर बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। सरकार को इस मामले में और स्पष्टता देने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि भविष्य में कोई भी निर्णय सभी पक्षों के हित में हो। वक्फ संपत्ति विवाद

 

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