BHOPAL. साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण ( SUN Eclipse ) काफी दिनों से चर्चा में है। इसके पीछे पहली वजह है यह कि यह चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri ) के ठीक एक दिन पहले लगना वाला है। दूसरा इस तरह का सूर्य ग्रहण करीब 54 साल बाद लगने जा रहा है और इस दिन कुछ दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिसे लेकर लोग आशंकित हैं। साथ ही ग्रहण ( Grahan) को लेकर उनके मन में कई तरह के सवाल भी हैं। बता दें कि सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात 9.12 बजे से 9 अप्रैल को देर रात 2.22 बजे तक रहेगा। सूर्य ग्रहण की कुछ अवधि 05 घंटे 10 मिनट की होगी। ऐसे में आइए इसके बारे में सब कुछ जानते हैं।
चैत्र नवरात्रि से पहले पड़ेगा ग्रहण
साल का पहला सूर्य ग्रहण नवरात्रि (Navratri) के ठीक एक दिन पहले यानी 8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लगने वाला है। इस दिन सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाएगा। अमावस्या तिथि पर लगने वाला यह ग्रहण 5 घंटे 25 मिनट तक चलेगा। वहीं साल के पहले सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) पर कई तरह के दुर्लभ संयोग भी बनेगा। तो चलिए जानते हैं यह कौन-कौन से संयोग लेकर आ रहा है और इसका लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
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सूर्य ग्रहण पर बन रहे हैं ये दुर्लभ संयोग
1.साल का पहला सूर्य ग्रहण कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं।
2. पहला यह 50 सालों के बाद सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा।
3.साल 2024 में लगने वाला पहला सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। इसके पहले ऐसा संयोग 1970 में बना था।
4.8 अप्रैल को लगने वाले ग्रहण के दौरान कुछ समय के लिए पृथ्वी पर अंधेरा छा सकता है। यानी की दिन में भी रात हो सकती है।
5.दुनिया के जिन हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण लगेगा वहां सौर मंडल में मौजूद शुक्र और गुरु भी देखे जा सकेगा।
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सूर्य ग्रहण काल में ना करें 6 काम
1. ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद मंदिर में पूजा-पाठ न करें। देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श न करें।
2. सूतक काल लगने के बाद घर में भोजन न पकाएं। बल्कि सूतक काल से पहले घर में रखे खाने में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें।
3. ग्रहण की अवधि में भोजन ग्रहण न करें। इस दौरान क्रोध न करें ।
4. ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान जगह या श्मशान भूमि के पास नहीं जाना चाहिए। इस दौरान नकारात्मक शक्तियां काफी ज्यादा हावी रहती हैं।
5. सूतक काल शुरू होने के बाद नए या शुभ काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा अधिक रहती है।
6. ग्रहण का सूतक काल शुरू होने के बाद तुलसी के पौधे को न छुएं। नुकीले या धारदार उपकरणों के प्रयोग से भी बचें।
ग्रहण का राशियों पर पड़ेगा कैसा असर?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भले ही यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन इसका असर 12 की 12 राशियों पर जरूर पड़ेगा। शास्त्रों के मुताबिक मेष, वृश्चिक, कन्या, कुंभ और धनु राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। इन राशि के लोगों को नौकरी, व्यापार और कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं वृषभ, मिथुन, कर्क और सिंह राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण शुभ साबित हो सकता है।
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक, मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड जैसे देशों में ही दिखाई देगा। आपको बता दें कि यह भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन इसका प्रभाव राशियों पर जरुर पड़ सकता है।