BHOPAL: आज के दौर के लोग चेहरे से अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, लेकिन इतिहास में कुछ ऐसी भी शख्सियत रही हैं, जिनका वजूद उनकी आवाज से ही रहा है। उन्हीं में से एक अमीन सयानी थे, जिनका आज हार्ट अटैक से निधन 91 साल की उम्र में हो गया। आजादी के बाद लोगों में रेडियो सुनने का गजब दौर आया। जिन लोगों ने रेडियो को आम लोगों तक पहुंचाया, इसकी लोकप्रियता बढ़ाई, उनमें सबसे पहला नाम अमीन सयानी ( Amin Sayani) का आता है। उस समय अमीन सयानी रेडियो (RADIO) की आवाज थे। रेडियो की आवाज मतलब अमीन सयानी थे।
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सयानी जी का लोकप्रिय प्रोग्राम 'बिनाका गीतमाला'
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM MODI) अपनी सभी सभाओं में भाईयों और बहनों शब्द का प्रयोग करते हैं, लेकिन यह शब्द तब लोकप्रिय हुआ जब 1952 में रेडियो सिलोन से अमीन सयानी ने 'बिनाका गीतमाला' प्रस्तुत किया था। रेडियो पर उनका सुपर हिट प्रोग्राम 'बिनाका गीतमाला' शुरू होता, तो वक्त जैसे थम जाता था। उनका यह प्रोग्राम रात 8 बजे आया करता था जैसे ही बेहद जोश और मेलोडियस अंदाज में कहते थे, जी हां भाइयों और बहनों, मैं हूं आपका दोस्त अमीन सयानी और आप सुन रहे हैं बिनाका गीतमाला, तो लोगों के दिल पर जादू चल जाता था। लोग दिल थाम कर बैठ जाते थे। रेडियो (RADIO) सिलोन से एक भारी और दिलकश आवाज आती। श्रोताओं के साथ मजाक करते, उन्हें छेड़ते, उन्हें दिलचस्प वाक्य सुनाते, कलाकारों के इंटरव्यू लेते और इन सब पर हिंदी फिल्मी गानों का तड़का लगाते हुए, इसी वजह से श्रोताओं के दिल पर राज करते थे।
ऑल इंडिया रेडियो (AIR) से करियर की शुरुआत
30 मिनट का प्रोग्राम 'बिनाका गीतमाला' 1952 में हर किसी के दिलों पर राज करने वाला बन गया। पहले इसका नाम था 'बिनाका गीतमाला', फिर बदला 'हिट परेड' और 'सिबाका गीतमाला' बना गया। लोग अमीन सयानी की आवाज के दीवाने थे और उन्होंने भी श्रोताओं के साथ अपनेपन का रिश्ता बना लिया था। ऑल इंडिया रेडियो से अमीन सयानी ने अपने करियर की शुरुआत साल 1952 में की थी। उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के विविध भारती में 40 सालों से अधिक काम किया। शो प्रेजेंट करने का तरीका और कलाकारों के इंटरव्यू लेने का तरीका, नाटक और एकांकी, संगीत के कार्यक्रम, फिल्मों के प्रमोशन और ट्रेलर पेश करने का तरीका उन्हें सबसे अलग पहतान देता था।
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अपनी आवाज के कारण कभी हुए थे रिजेक्ट
अमीन सयानी ने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अपनी पढ़ाई पुरी की थी। उन्होंने थिएटर भी किया, क्लासिकल म्यूजिक भी सीखा, वे बहुत अच्छा गाया भी करते थे। अमीन सयानी सिंगर बनना चाहते थे, लेकिन आगे चलकर उनकी आवाज खराब गई और गाना मुश्किल हो गया। यही वजह रही कि उन्होंने सिंगर बनने का सपना टूट गया। अमीन सयानी के बड़े भाई हामिद सयानी की सलाह पर ऑल इंडिया रेडियो में हिंदी ब्रॉडकास्टर के लिए आवेदन किया, लेकिन उनकी आवाज के कारण उन्हें रिजेक्ट कर दिया। उन्हें कहा कि आपका स्क्रिप्ट पढ़ने का तरीका अच्छा है, लेकिन मिस्टर सयानी आपके तलफ्फुज में बहुत ज्यादा गुजराती और अंग्रेजी की मिलावट है, जो रेडियो के लिए अच्छी नहीं। ब्रॉडकास्टिंग का फन सीखने और उसे फॉलो करने में अपना जी-जान लगा दिया और आगे चलकर वो रेडियो के एक बड़े नाम बन गए।
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सयानी ने हजारों प्रोग्राम्स को प्रस्तुत किया
अमीन सयानी ने कई कार्यक्रम बनाए, एस. कुमार का फ़िल्मी मुकदमा और फिल्मी मुलाकात जो पहले श्रीलंका ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन में और फिर विविध भारती पर बहुत लोकप्रिय हुआ। ऑल इंडिया रेडियो ( ALL INDIA RADIO) का पहला स्पॉन्सर्ड शो 'सैरेडॉन के साथी' उन्होंने 4 सालों तक रन किया। उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए कुछ अन्य शो 'बोर्नविटा क्विज कांटेस्ट' और 'शालीमार सुपरलैक जोड़ी' थे। इनके अलावा उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय रेडियो शो जैसे मिनी इंसर्शन्स ऑफ फिल्मस्टार इंटरव्यूज, म्यूजिक फॉर द मिलियन, गीतमाला की यादें और हंगामे शामिल हैं। आवाज के जादूगर अमीन सयानी ने करीब 54 हजार प्रोग्राम्स किए हैं।