उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि 9 नवंबर से पहले राज्य में समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code ) लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में एंटी-कॉपींग कानून, एंटी-रायट्स कानून और धर्मांतरण विरोधी कानून (Anti Conversion Law) जैसे कई सख्त कानून पहले ही लागू कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में इन कानूनों के लागू होने के चलते उत्तराखंड आज देशभर में अपराध के प्रति शून्य सहनशीलता वाला एक अनुशासित राज्य बनकर उभरा है।
9 नवंबर से पहले लागू होगा UCC
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि अपराध के प्रति आज उत्तराखंड की पहचान पूरे देश में जीरो टॉलरेंस वाले अनुशासित राज्य के रूप में हुई है। उन्होंने कहा है कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में हमने समान नागरिक संहिता इसका विधेयक भी हमारी विधानसभा में पारित कर दिया है। इस पर राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई है। सीएम की मानें तो 9 नवंबर 2024 से पहले उत्तराखंड में UCC लागू कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि UCC का पारित होना उत्तराखंड के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन था। आपको बता दें कि धामी सरकार ने 6 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र में UCC विधेयक पेश किया था, जो एक दिन बाद बहुमत से पारित हो गया था।
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समान नागरिक संहिता विधेयक क्या है?
समान नागरिक संहिता ( UCC ) एक प्रस्तावित कानून है जो भारत में सभी नागरिकों के लिए व्यक्तिगत कानूनों को एक समान कानून में बदल देगा। यह विवाह, तलाक, विरासत और अन्य व्यक्तिगत मामलों से संबंधित होगा।
समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code ) संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आती है। समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिए एक कानून सुनिश्चित करती है, जो सभी धार्मिक और आदिवासी समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे संपत्ति, विवाह, उत्तराधिकार और गोद लेने आदि में लागू होती है।
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गोवा में पुर्तगाली शासन से UCC लागू
मार्च 2022 में सरकार के गठन के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही समान नागरिक संहिता ( UCC ) का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी गई थी। इसके बाद में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था। यहां बता दें, गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही UCC लागू है।
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