/sootr/media/media_files/91bGDt7MscaDjwOstikx.jpg)
उत्तराखंड समान नागरिक संहिता कानून अधिसूचित करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है। मध्य प्रदेश में भी समान नागरिक संहिता विधेयक बनाने की तैयारी में अब गति आएगी।
सीएम मोहन यादव ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए है। इसके लिए अब जल्द ही एक कमेटी बनाई जाएगी, जो इसपर पूरी तरह से काम करेगी।
यूसीसी में अब गति दी जाएगी
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिसंबर, 2022 में यूसीसी मध्य प्रदेश में लागू करने के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाने का ऐलान किया था।
शिवराज के इस आदेश के बाद मप्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव की वजह से विधेयक बनाने के काम पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। लेकिन अब चुनाव खत्म हो गए है।
सीएम मोहन यादव ने यूसीसी के लेकर जरूरी कदम उठा लिए है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मप्र में जल्दी ही समान नागरिक संहिता विधेयक बन जाएगा।
ये खबर भी पढ़िए...कितनी है PM मोदी की सैलरी, कहां- कहां से होती है कमाई?
समिति का होगा गठन
सीएम यादव ने यूसीसी को लेकर निर्देश दे दिए है। इसको लेकर एक स्पेशल टीम बनाई जाएगी। इस दौरान विधेयक का मसौदा तैयार कर विधानसभा में पेश किया जाएगा।
वहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद यादव ने कहा था कि केंद्र सरकार जो कहेगी, हम मध्य प्रदेश में वही करेंगे।
समान नागरिक संहिता विधेयक क्या है?
समान नागरिक संहिता (UCC) एक प्रस्तावित कानून है जो भारत में सभी नागरिकों के लिए व्यक्तिगत कानूनों को एक समान कानून में बदल देगा। यह विवाह, तलाक, विरासत और अन्य व्यक्तिगत मामलों से संबंधित होगा।
समान नागरिक संहिता ( Uniform Civil Code ) संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आती है। समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिए एक कानून सुनिश्चित करती है, जो सभी धार्मिक और आदिवासी समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे संपत्ति, विवाह, उत्तराधिकार और गोद लेने आदि में लागू होती है।