केंद्र सरकार ने शनिवार ( 24 अगस्त ) को एक नई पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की है। नई पेंशन योजना को 'यूनिफाइड पेंशन स्कीम' ( UPS ) नाम दिया गया है। यह योजना OPS (पुरानी पेंशन योजना) और NPS (नई पेंशन योजना) से अलग है। केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी भी दे दी है। वहीं नई पेंशन स्कीम UPS पर कर्मचारी संगठन में भारी नाराजगी है। उनका कहना है कि उन्हें ये मंजूर नहीं है। ओल्ड पेंशन स्कीम के लिए आंदोलन होगा।
25 साल की नौकरी पर 50% पेंशन
इस योजना के तहत, 25 साल की सेवा पूरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी। इसका मतलब है कि यदि किसी कर्मचारी ने कम से कम 25 साल तक सेवा की है, तो उसे रिटायरमेंट के समय के अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। वहीं 10 साल की नौकरी करने वाले कर्मचारियों को कम से कम 10,000 रुपए पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे।
नई पेंशन स्कीम पर कर्मचारी संगठन नाराज
मोदी सरकार की इस नई पेंशन योजना 'UPS' को लेकर केंद्रीय कर्मचारी संगठनों में भारी नाराजगी है। कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने इसे कर्मचारियों के साथ धोखा करार दिया है। उनका कहना है कि वे किसी भी स्थिति में UPS को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए दोबारा से आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठन, जो पहले से ही OPS के लिए आंदोलन कर रहे थे, जल्द ही अपनी आगामी रणनीति की घोषणा करेंगे।
कर्मचारियों की दूसरी मांग
पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली के लिए लंबे समय से राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 'नेशनल मिशन फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम भारत' के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि सरकार ने UPS लाकर कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने योगदान को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन उनकी मांग थी कि रिटायरमेंट के समय 50 प्रतिशत बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (डीए) के बराबर पेंशन दी जाए, न कि सरकार के योगदान को बढ़ाने की। उनकी मांग पूरी नहीं हुई है।
कर्मचारियों की एक और मांग यह रही है कि उनका पैसा रिटायरमेंट के समय जीपीएफ की तरह उन्हें वापस कर दिया जाए। लेकिन, सरकार ने नई व्यवस्था 'UPS' में कर्मचारियों का 10 प्रतिशत और खुद का 18.5 प्रतिशत योगदान ले लिया है।
सरकार की नई पेंशन के बारे में विस्तार से जानिए...
केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी है। इससे पहले न्यू पेंशन स्कीम यानी NPS में बदलाव की मांग पर डॉ. सोमनाथ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की थी। कर्मचारियों की मांगों को ध्यान में रखते हुए NPS में बदलाव का ये फैसला सरकार ने लिया है। सोमनाथ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में NPS में बदलाव के सुझाव दिए थे। इन्हीं सुझावों के आधार पर केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी गई है।
कर्मचारियों को मोदी सरकार की सौगात
मोदी कैबिनेट की बैठक के बाद सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार, 24 अगस्त की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। इस योजना की खास बात ये है कि जो कर्मचारी 2004 से मार्च 2025 तक रिटायर हुए हैं या होंगे, उन्हें भी इस पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा। साथ ही उन्हें मय ब्याज के एरियर भी मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लिए दुनिया भर के देशों की स्कीम को देखने के बाद और लोगों से चर्चा के बाद UPS का सुझाव दिया गया था। इसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। वैष्णव ने बताया कि सरकारी कर्मचारी NPS और UPS में जो स्कीम चाहें वो ले सकता है। कर्मचारी दोनों में से एक पेंशन स्कीम का फायदा ही ले सकेंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में ये है खास
- कर्मचारियों की तरफ से एश्योर्ड अमाउंट की मांग की जा रही थी। UPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 50 फीसदी एश्योर्ड पेंशन दी जाएगी। यह रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने की एवरेज बेसिक पे का 50 प्रतिशत होगा।
- इस पेंशन स्कीम का लाभ कर्मचारियों को 25 साल की सर्विस करने के बाद ही मिलेगा।
- अगर किसी कर्मचारी की मौत हो जाती है तो इस स्कीम में फैमिली पेंशन का प्रावधान होगा। मिल रही पेंशन का 60 फीसदी परिवार को मिलेगा।
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