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1 फरवरी 2025 को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने आठवें बजट के साथ मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं। यह एक ऐतिहासिक पल है क्योंकि निर्मला सीतारमण का यह लगातार आठवां बजट होगा। इससे पहले वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने 2019 में अपना पहला बजट प्रस्तुत किया था, जो अब तक की राजनीतिक यात्रा का अहम हिस्सा बन चुका है।
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देश में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड किसके नाम?
भारत में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है, जिन्होंने 10 बार यूनियन बजट पेश किए थे। इसके बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम का नाम आता है, जिन्होंने 9 बार बजट पेश किए। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 8 बार यूनियन बजट प्रस्तुत किया। वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अब तक 7 बार बजट पेश किया है, और 1 फरवरी 2025 को वह आठवीं बार बजट पेश करने जा रही हैं।
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सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड
निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड भी है, जो उन्होंने 1 फरवरी 2020 को 2 घंटे 42 मिनट तक दिया था। हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से उन्हें भाषण को बीच में रोकना पड़ा था। यह घटना भारतीय बजट इतिहास में एक अहम मोड़ के रूप में देखी जाती है, क्योंकि इससे पहले किसी भी वित्त मंत्री ने इतना लंबा भाषण नहीं दिया था।
भारतीय बजट की परंपरा और इतिहास
भारत में बजट पेश करने की परंपरा काफी पुरानी है। स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शणमुखम चेट्टी ने पेश किया था। लेकिन उससे पहले 1860 में, ब्रिटिश शासन के दौरान जेम्स विल्सन ने भारत का पहला बजट पेश किया था, जो अंग्रेजी में तैयार किया गया था। 1999 तक बजट पेश करने का समय शाम 5 बजे निर्धारित था, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इस समय को बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया। इसके बाद 2017 में, अरुण जेटली के कार्यकाल में बजट की तारीख को बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया, ताकि प्रस्तावों को 1 अप्रैल से लागू किया जा सके।
भारत का बजट: एक ऐतिहासिक यात्रा और आर्थिक सुधारों की दिशा
बजट में क्या शामिल होता है?
बजट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसमें सरकार अगले वित्तीय वर्ष के लिए आय-व्यय का विवरण और नई योजनाओं का प्रस्ताव पेश करती है। इससे देश की आर्थिक दिशा और नीति का आकलन किया जाता है। सरकार का उद्देश्य बजट के माध्यम से विकास, महंगाई नियंत्रण और रोजगार सृजन के लिए योजनाएं तैयार करना होता है। यह राष्ट्रीय विकास की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाता है।
बजट 2025 से क्या उम्मीदें हैं?
बजट 2025 से सभी वर्गों को उम्मीदें हैं। देश में महंगाई, बेरोजगारी, और आर्थिक विकास के मुद्दों को लेकर लोगों को इस बार के बजट से कुछ राहत की उम्मीद है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह विभिन्न योजनाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाएगी और महंगाई पर काबू पाएगी। खासकर, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों में नए प्रस्ताव आने की संभावना है।
बजट से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल