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भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी 2025 को अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। इस बजट से देश की जनता को कई उम्मीदें हैं, खासकर टैक्स स्लैब में संभावित बदलावों और हेल्थकेयर, शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अहम ऐलान की।
ये 2025-26 के लिए पहला बजट होगा और इसके माध्यम से सरकार आर्थिक सुधारों और विकास को बढ़ावा देने के उपायों का ब्लूप्रिंट पेश करेगी। लेकिन क्या आपको पता है कि, इन बजटों में समय-समय पर बदलाव किए गए, जो कि विभिन्न आर्थिक संकटों, जरूरतों और विकास के लक्ष्यों के आधार पर थे।
आपको बता दें कि, बजट केवल सरकारी खर्च और आय का हिसाब नहीं होता, बल्कि ये सरकार की आर्थिक नीतियों और उसके द्वारा उठाए गए कदमों का महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। भारत में कई ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान बजट पेश किया था। ये एक महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि बजट देश की अर्थव्यवस्था की दिशा तय करता है। तो आइए आज हम जानते हैं उन प्रधानमंत्रियों के बारे में जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान खुद बजट पेश किया था...
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पंडित नेहरू: पहला बजट पेश करने वाले प्रधानमंत्री
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1958 में बजट पेश किया था। इस दौरान, वित्त मंत्री टी टी कृष्णमाचारी पर एक घोटाले का आरोप लगने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद, नेहरू जी ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी ली और खुद बजट पेश किया। ये बजट भारतीय अर्थव्यवस्था को नया दिशा देने और औद्योगिकीकरण (industrialization) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से था।
मोरारजी देसाई: सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले प्रधानमंत्री
मोरारजी देसाई का नाम सबसे ज्यादा केंद्रीय बजट पेश करने वाले प्रधानमंत्री के रूप में दर्ज है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 10 बजट पेश किए। इसमें 8 पूर्ण और 2 अंतरिम बजट (interim budget) शामिल हैं।
उन्होंने 1959 से 1963 तक वित्त मंत्री के तौर पर लगातार बजट पेश किया था। 1967 में उन्होंने अंतरिम बजट भी पेश किया और इसके बाद भी उन्होंने लगातार बजट पेश किए। बाद में वे 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री बने थे।
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इंदिरा गांधी: बजट पेश करने वाली पहली महिला प्रधानमंत्री
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1969 में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और उन्होंने 1970-71 का बजट पेश किया। इस तरह वे भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं जिन्होंने बजट पेश किया।
उनका बजट देश की आर्थिक जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया और ये समय की जरूरत के मुताबिक था। उन्होंने कई बदलावों और योजनाओं का एलान किया जो समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए थे।
राजीव गांधी: बजट पेश करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री
राजीव गांधी ने 1987 में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली और 1987-88 का बजट पेश किया। इसके पीछे का कारण था कि उस वक्त तत्कालीन वित्त मंत्री वी पी सिंह को पद से हटा दिया गया था।
इसके बाद राजीव गांधी ने खुद बजट पेश किया और इस तरह वे नेहरू-गांधी परिवार के तीसरे सदस्य बने जिन्होंने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए बजट पेश किया। उनके द्वारा पेश किया गया बजट भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार और विकास के दिशा में महत्वपूर्ण था।
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मनमोहन सिंह: ऐतिहासिक बजट पेश करने वाले प्रधानमंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 में बजट पेश किया था, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम साबित हुआ। ये बजट भारत के उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (Liberalization, privatization and globalization) के दौर की शुरुआत के रूप में जाना जाता है।
इस बजट में उन्होंने विदेशी निवेश को आकर्षित करने, व्यापार नीति में सुधार और आर्थिक सुधारों के बारे में महत्वपूर्ण घोषणा की थी। इसके बाद, 2004 में वो प्रधानमंत्री बने और उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण आर्थिक कदम उठाए गए।
निर्मला सीतारमण: अपना 8वां बजट पेश करेंगी
1 फरवरी 2025 को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। ये बजट देश के आर्थिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें कई अहम घोषणाओं की उम्मीद जताई जा रही है। इस बार के बजट से देशवासियों को खासकर टैक्सपेयर्स (taxpayers) को उम्मीद है कि टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव हो सकते हैं, जिससे उनका कर बोझ (tax burden) कम हो।
इसके अलावा, हेल्थकेयर, शिक्षा और अन्य सामाजिक कल्याण क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण निवेश और सुधार की घोषणा की जा सकती है। इस बजट से ये उम्मीद भी की जा रही है कि, सरकार आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कुछ प्रभावी उपायों की पेशकश करेगी। वहीं, वित्त मंत्री द्वारा किए जाने वाले ऐलानों से विभिन्न क्षेत्रों के विकास को गति मिलने की संभावना है।
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