यूपी के मेरठ में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक युवक को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, जबकि वह जिंदा था। जैसे ही पोस्टमार्टम की तैयारी की जा रही थी, तो युवक कराहने लगा। यह देख वहां मौजूद स्टाफ की चीखें निकल गईं। तुरंत ही उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्या है पूरा मामला
बताते चलें कि यह पूरा मामला मेरठ के मेडिकल कॉलेज का है। सरूरपुर थाना इलाके के गोटका गांव का रहने वाला शगुन शर्मा अपने रिश्तेदार के साथ बाइक से बहन की शादी के कार्ड बांटने जा रहा था, तभी सरधना के अटेरना पुल के पास एक अज्ञात वाहन की टक्कर से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे पहले सरूरपुर अस्पताल और फिर मेडिकल के लिए रेफर कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद शव को मोर्चरी भेज दिया गया।
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युवक को दोबारा अस्पताल ले जाया गया
पोस्टमार्टम हाउस के बाद युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर्स की टीम भी मौके पर पहुंच गई और शगुन की जांच शुरू कर दी। सभी डॉक्टर्स परेशान थे कि जिसे मृत घोषित किया गया था वो जिंदा कैसे हो गया। जानकारी लगते ही कई डॉक्टर्स अस्पताल पहुंचे और जांच शुरू कर दी गई।
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नहीं था किसी के पास कोई जवाब
इस मामले में युवक शगुन शर्मा को जिंदा देखकर डॉक्टर्स ही नहीं बल्कि पूरे स्टाफ को पसीना आ गया। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है। वहीं शगुन के परिजन बार-बार डॉक्टर्स से उसके स्वास्थ्य के बारे में पूछ रहे थे, लेकिन किसी के पास कोई जवाब नहीं था।
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क्या कहा डॉक्टर ने
डॉक्टरों की टीम ने युवक की दोबारा से ईसीजी कराई तो ब्लैंक प्लेटलाइन आई। मतलब हार्ट बीट नहीं चल रही थी। इस बारे में मेडिकल कॉलेज के एचओडी न्यूरो सर्जन डॉ.अखिल प्रकाश ने कहा कि शगुन जिस कंडीशन में आया था उसका ब्रेन डेड था। इसके बाद हार्ट बीट भी रुक गई थी। परिजनों की शंका दूर करने के लिए दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन शगुन मृत ही था।
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