20 फरवरी से पहले अमेरिका में बच्चे के जन्म की होड़, जानिए कारण
डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश से जन्मजात नागरिकता पर संकट खड़ा हो गया है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा की है कि अमेरिका में जन्मे बच्चों को मिलने वाले नागरिकता के अधिकार को समाप्त किया जाएगा।
डोनाल्ड ट्रम्प के आदेश से जन्मजात नागरिकता पर संकट खड़ा हो गया है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने घोषणा की है कि अमेरिका में जन्मे बच्चों को मिलने वाले नागरिकता के अधिकार को समाप्त किया जाएगा। यह आदेश खासतौर पर उन महिलाओं को प्रभावित कर रहा है जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रही हैं। इस बदलाव के प्रभाव से बचने के लिए गर्भवती महिलाएं बच्चे की समय से पहले डिलीवरी कराने के लिए सर्जरी का सहारा ले रही हैं।
गुरुवार रात, सिएटल की फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ट्रम्प के आदेश को असंवैधानिक करार देते हुए इस पर 14 दिनों की रोक लगा दी। कोर्ट ने चार राज्यों (वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन) की अपील पर यह फैसला सुनाया। इस मामले की अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी। अब तक, 22 राज्यों ने ट्रम्प के इस फैसले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
क्या बदलेगा ट्रम्प के आदेश से?
ट्रम्प के आदेश के लागू होने से हर साल अमेरिका में जन्म लेने वाले 1.5 लाख बच्चों की नागरिकता पर संकट आ जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में अवैध रूप से रह रही महिलाओं ने अमेरिका में 2.55 लाख बच्चों को जन्म दिया। अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन जन्मजात नागरिकता की गारंटी देता है। ट्रम्प के इस फैसले से भारतीय समुदाय भी प्रभावित हो सकता है।
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 18,000 भारतीयों को उनके देश वापस भेजा जाएगा। इस विषय पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से चर्चा की। भारत ने स्पष्ट किया कि वह इस समस्या के समाधान के लिए तैयार है। हालांकि, भारत ने यह भी कहा है कि अवैध नागरिकों के मुद्दे का असर H-1B वीजा और स्टूडेंट वीजा पर नहीं पड़ना चाहिए।
डोनाल्ड ट्रम्प ने आश्वासन दिया है कि H-1B वीजा बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को टैलेंटेड लोगों की जरूरत है। H-1B वीजा खासतौर पर IT, हेल्थकेयर और आर्किटेक्चर जैसे पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है। 2024 में जारी कुल 2.80 लाख वीजा में से करीब 2 लाख भारतीयों को यह वीजा मिला था।