महाकुंभ 2025 की AI करेगा निगरानी, श्रद्धालुओं को मिनटों में मिलेगी मदद

प्रयागराज में आयोजित होने वाला महाकुंभ मेला आधुनिक तकनीक से लैस होगा। GPS, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और लाइव स्ट्रीमिंग से सुरक्षा और संचार बेहतर होगा। एआई आधारित कैमरे और डिजिटल खोया-पाया सिस्टम से श्रद्धालुओं को मदद दी जाएगी।

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Ravi Singh
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Prayagraj Mahakumbh Mela AI
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Prayagraj Mahakumbh Mela AI : कुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है। कुंभ हर 12 साल में भारत में आयोजित होता है। यह महान पर्व करोड़ों हिंदुओं के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है। यहां वे पवित्र नदियों, खासकर गंगा, यमुना और सरस्वती में स्नान करके अपने पापों को शुद्ध करने और मोक्ष प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। एक तरफ महाकुंभ श्रद्धालुओं की संख्या का नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। दूसरी तरफ सरकार GPS, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्ट्रीमिंग तकनीक का इस्तेमाल कर इसे यादगार बनाने की तैयारी कर रही है।

इस बार महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए 40 से 45 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आ सकते हैं। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सही अनुमान लगाने के लिए तकनीक के जरिए हर श्रद्धालु की गिनती की जाएगी। यह महाकुंभ ही नहीं बल्कि किसी भी बड़े आयोजन में दुनिया की सबसे बड़ी गिनती हो सकती है। मेला प्रशासन एआई तकनीक के साथ-साथ कई अन्य तरीकों से इस उपलब्धि को हासिल करने की कोशिश कर रहा है।

आधुनिक तकनीक से सुसज्जित महाकुंभ

इस बार महाकुंभ मेला 2025 में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे सुरक्षा, आवागमन और संचार व्यवस्था में सुधार होगा। इस भव्य आयोजन में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश सरकार GPS, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्ट्रीमिंग तकनीक का इस्तेमाल कर इसे यादगार बनाने की तैयारी कर रही है।

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सुरक्षा उपाय और भीड़ नियंत्रण 

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए AI आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। मेले में कुल 2,700 CCTV कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें से 328 AI-enabled होंगे। भीड़ बढ़ने पर वे तुरंत अधिकारियों को सूचित करेंगे। वे वास्तविक समय में गुमशुदा व्यक्तियों की पहचान करने में मदद करेंगे।

डिजिटल खोया-पाया सिस्टम

डिजिटल खोया-पाया सिस्टम विकसित किया जाएगा, जिसमें AI तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। लापता व्यक्तियों के बारे में जानकारी तुरंत दर्ज की जा सकेगी। सोशल मीडिया नेटवर्क के माध्यम से जानकारी साझा करके परिवार से मिलने में तेजी लाई जाएगी।

मेले में नेविगेशन होगा आसान

सरकार ने एक खास "कुंभ सहायक ऐप" लॉन्च किया है। इससे मेले में नेविगेशन आसान हो जाएगा। यह ऐप घाटों, अखाड़ों और दूसरे धार्मिक स्थलों के बारे में सटीक जानकारी देगा। सभी शिविरों की 3डी इमेज भी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगी। मेले के दौरान होने वाली गतिविधियों और सेवाओं की जानकारी मिलेगी।

महाकुंभ की लाइव स्ट्रीमिंग

जो लोग मेला स्थल तक नहीं पहुंच सकते, वे लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से घर बैठे कुंभ मेले को देख सकेंगे। गूगल नेविगेशन के साथ एकीकरण से दुनिया भर के लोग मेले की गतिविधियों और गंगा आरती जैसे मुख्य अनुष्ठानों को लाइव देख सकेंगे।

सुरक्षा और आधारभूत संरचना का विस्तार

सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीकी उपाय किए जाएंगे। मेला क्षेत्र में 56 पुलिस स्टेशन बनाए जाएंगे। 100 AI आधारित कैमरों से 24×7 निगरानी की जाएगी। स्वच्छता की रियल-टाइम मॉनिटरिंग के लिए सार्वजनिक शौचालयों में स्कैनर लगाए जाएंगे। कुंभ मेला 2025 न केवल एक आध्यात्मिक अनुभव होगा, बल्कि यह आधुनिक तकनीक और परंपरा का एक अद्भुत संगम भी होगा।

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