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Shrinagar. Jammu-Kashmir के रियासी जिले में MBBS एडमिशन पर विवाद हुआ। श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस में यह विवाद बढ़ा। सोमवार को कई हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने एडमिशन सीट की पहली लिस्ट रद्द करने की मांग की।
इस साल संस्थान को 50 MBBS सीटें मिली हैं। 2025-26 के पहले बैच में 42 मुस्लिम, 7 हिंदू और एक सिख छात्र हैं। हिंदू संगठनों का कहना है कि सीट बंटवारे में भेदभाव हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू छात्रों की अनदेखी की गई है।
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हिंदू संगठनों ने किया विरोध
लिस्ट के विरोध में युवा राजपूत सभा, राष्ट्रीय बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन जम्मू में प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज वैष्णो देवी मंदिर के दान से बना है। इसलिए इसका इस्तेमाल हिंदू समुदाय के हित में होना चाहिए।
3 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी👉 जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णो देवी मेडिकल इंस्टीट्यूट में MBBS एडमिशन पर विवाद हुआ। इस साल 50 MBBS सीटें दी गईं। इनमें 42 मुस्लिम, 7 हिंदू और 1 सिख छात्र हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि सीट बंटवारे में भेदभाव किया गया है। 👉युवा राजपूत सभा और राष्ट्रीय बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज वैष्णो देवी मंदिर के दान से बना है। इसलिए, इसका उपयोग हिंदू समुदाय के हित में होना चाहिए। 👉 प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के गेट को जबरदस्ती खोलने की कोशिश की। पुलिस ने समय पर पहुंचकर उन्हें रोक लिया। संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि एडमिशन मेरिट के आधार पर हुए हैं। |
क्या है हिंदू संगठनों की मांग
- पहली एडमिशन लिस्ट रद्द की जाए।
- नई एडमिशन प्रक्रिया लागू की जाए।
- नियमों की दोबारा जांच हो, ताकि हिंदू छात्रों को आरक्षण मिल सके।
- संस्थान को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने पर विचार हो।
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हिंदुओं के लिए आरक्षण की मांग
राष्ट्रीय बजरंग दल के अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा। 50 सीटों में सिर्फ 7 हिंदू और 1 सिख छात्र हैं। यह हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम हिंदुओं के लिए पर्याप्त आरक्षण की गारंटी मांगते हैं।
युवा राजपूत सभा के पूर्व अध्यक्ष विक्रम सिंह ने चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि मनोज सिन्हा हस्तक्षेप नहीं करते, तो आंदोलन तेज होगा। मेडिकल कॉलेज में पक्षपात गंभीर मुद्दा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
विशेष समुदाय को ज्यादा सीटें मिली
प्रदर्शन में युवाओं ने आरोप लगाया कि सीट अलॉटमेंट में अनियमितताएं हुईं। पूरी प्रक्रिया सार्वजनिक नहीं की गई। कट-ऑफ और मेरिट लिस्ट स्पष्ट नहीं है। एक विशेष समुदाय को ज्यादा सीटें दी गईं।
संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि एडमिशन मेरिट के आधार पर हुए। संस्थान को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा नहीं मिला। इसलिए धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता।
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विश्वविद्यालय का गेट जबरदस्ती खोला
प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय के पास इकट्ठा हुए। नारेबाजी करते हुए वे मुख्य गेट की ओर बढ़े। उन्होंने विश्वविद्यालय का गेट जबरदस्ती खोला। पुलिस समय पर पहुंची और उन्हें रोक लिया।
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