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Photograph: (the sootr)
5 पाइंट में समझें VB-G RAM G पर एसबीआई रिपोर्ट
- एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नए कानून से राज्यों को 17 हजार करोड़ रुपए का फायदा होने की संभावना है।
- केंद्र-राज्य फंडिंग का अनुपात 60:40 होगा, जिससे राज्यों पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा।
- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा मिलने की संभावना जताई गई है।
- मनरेगा के तहत रोजगार की गारंटी 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दी जाएगी।
- एसबीआई ने कहा, फंडिंग के अनुपात में बदलाव से राज्यों की वित्तीय स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
New Delhi. कांग्रेस का आरोप था कि 'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन' (VB-G RAM G) एक्ट से राज्यों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। लेकिन हाल ही में एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट से एक नया मोड़ आया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस कानून के कारण राज्यों को भारी फायदा होने वाला है। उनका अनुमान है कि बजट में लगभग 17 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।
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17 हजार करोड़ का फायदा: SBI
एसबीआई ने पिछले सात वर्षों में राज्यों को मिलने वाले औसत आवंटन का आंकलन किया है। इसके आधार पर, नया कानून राज्यों को अधिक धन मुहैया कराने वाला साबित हो सकता है। रिपोर्ट कहती है कि राज्यों को उनके हिस्से में 17,000 करोड़ की बढ़ोतरी होगी। यह केंद्र की तरफ से बढ़ी हुई फंडिंग को दर्शाता है। एसबीआई का आकलन सात प्रमुख मापदंडों पर आधारित है। इन मापदंडों का उद्देश्य समानता और दक्षता दोनों को बढ़ावा देना है।
केंद्र-राज्यों के बीच फंडिंग का समीकरण
'विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन' (VB-G RAM G) एक्ट में केंद्र और राज्यों के बीच फंडिंग के अनुपात को 60:40 किया गया है। इसका मतलब है कि 40% हिस्सा राज्यों को खुद जुटाना होगा।
हालांकि, इस पर सबसे अधिक विरोध हो रहा है, खासकर कांग्रेस द्वारा। कांग्रेस का कहना है कि इस नए फंडिंग सिस्टम से राज्यों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा। लेकिन एसबीआई ने इस तर्क को खारिज किया है और कहा है कि इस बदलाव से राज्यों को कोई नुकसान नहीं होगा।
SBI ने कहा- गलतफहमियों का परिणाम
एसबीआई रिपोर्ट में बताया गया कि फंडिंग में बदलाव के कारण जो चिंता जताई जा रही थी, वह पूरी तरह से गलत है। एसबीआई के अनुसार यदि केंद्र और राज्यों के बीच सही तरीके से मूल्यांकन किया जाए, तो राज्यों को मिलने वाले फंड में वृद्धि ही होगी।
कौन से राज्य होंगे सबसे ज्यादा फायदे में?
एसबीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, छत्तीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्यों को ज्यादा फायदा होगा। इन राज्यों के औसत आवंटनों की तुलना मनरेगा के तहत किए गए आवंटनों से की गई। इसमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सबसे ज्यादा लाभार्थी राज्य के रूप में सामने आए हैं।
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रोजगार की गारंटी: 100 से बढ़कर 125 दिन
नए कानून के तहत ग्रामीण मजदूर को सालभर में 100 दिनों की जगह 125 दिन की रोजगार गारंटी मिलेगी। इससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है।
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