वक्फ (संशोधन) एक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बुधवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है। इसमें 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच करेगी।
विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद से पारित होकर कानून बन चुके वक्फ (संशोधन) एक्ट (Waqf Amendment Bill) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो रही है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच करेगी। करीब 73 याचिकाएं वक्फ एक्ट के खिलाफ दायर की गई हैं, जिनमें प्रमुख नेता और संगठनों ने अपनी आपत्तियां दर्ज की हैं।
प्रमुख याचिकाकर्ता और उनकी आपत्तियां
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख ओवैसी, एसोसिएशन फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के अरशद मदनी, और अन्य प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने याचिकाएं दायर की हैं। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अब तक 10 याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है और इस मुद्दे पर कई नई याचिकाएं भी दायर की गई हैं।
केंद्र सरकार ने दाखिल की कैवियट
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर कर यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले इस मामले की सुनवाई की जाए। केंद्र ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया था, जो वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण के संबंध में महत्वपूर्ण बदलाव कर रहा है।
वक्फ एक्ट में हालिया संशोधन के द्वारा वक्फ संपत्तियों की देखरेख और प्रबंधन को लेकर कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। इसे लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और अन्य मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है और इसके खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण को चुनौती देना है।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 'वक्फ बचाव अभियान' की शुरुआत की है, जिसका पहला चरण 87 दिनों तक चलेगा। यह अभियान 11 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुका है और 7 जुलाई तक चलेगा। इस अभियान के तहत वक्फ कानून के विरोध में एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।
वक्फ संशोधन बिल से जुड़ी अहम बातें
1950 में वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए संस्था बनाना अनिवार्य हुआ।
1954 में वक्फ एक्ट के तहत केंद्र सरकार ने वक्फ काउंसिल का गठन किया।
1955 में राज्य स्तर पर वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई।
वर्तमान में भारत में लगभग 32 वक्फ बोर्ड हैं।
वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 द्वारा कानून में बदलाव किए गए हैं।
टाइमलाइन
8 अगस्त 2024: वक्फ (संशोधन) बिल लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। 8 अगस्त 2024: बिल को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया। 30 जनवरी 2025: JPC की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। 2 अप्रैल 2025: वक्फ (संशोधन) बिल लोकसभा में पारित हुआ। 3 अप्रैल 2025: वक्फ (संशोधन) बिल राज्यसभा में पारित हुआ।
FAQ
वक्फ (संशोधन) एक्ट क्या है और इसके तहत क्या बदलाव किए गए हैं?
वक्फ (संशोधन) एक्ट, 2025 के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण में बदलाव किए गए हैं। इसके अंतर्गत वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन और रखरखाव केंद्र सरकार के नियंत्रण में किया गया है।
वक्फ एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती क्यों दी गई है?
कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने इस एक्ट को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ मानते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि यह एक्ट संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है और मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण है।
वक्फ एक्ट के खिलाफ किस प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं?
'वक्फ बचाव अभियान' ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुरू किया है। इसके तहत एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर जुटाए जाएंगे और वक्फ एक्ट के विरोध में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।