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केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) कानून, 2025 को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया है, जो संसद के दोनों सदनों से पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करने के बाद प्रभावी हुआ है। इस कानून का उद्देश्य वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार, संपत्तियों के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, और अनधिकृत कब्जों पर कड़ी कार्रवाई करना है। साथ ही, इस अधिनियम के तहत आम जनता को वक्फ संपत्तियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने का अधिकार भी दिया गया है। इस सुधार को सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रही है।
कई मुस्लिम संगठन और विपक्षी दल कर रहे विरोध
हालांकि, इस कानून को लेकर कई मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्तियां जताई हैं। उनका कहना है कि नए संशोधन के प्रावधान वक्फ संपत्तियों पर स्वामित्व अधिकारों में हस्तक्षेप कर सकते हैं। कुछ संगठनों का यह भी आरोप है कि यह संशोधन मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता को कमजोर करेगा। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि इस कानून में वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन पर "मनमाने प्रतिबंध" लगाए गए हैं, जो संविधान के खिलाफ हैं।
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बंगाल में हुई हिंसा, जम्मू-कश्मीर में विधायकों के बीच हाथापाई
केंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में हिंसा के रूप में सामने आया। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग लगा दी और पुलिस पर पत्थर फेंके। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। जम्मू-कश्मीर में भी इस कानून को लेकर विधायकों के बीच हाथापाई हुई। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों ने इस बिल पर चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी की, जिसके बाद भाजपा और NC के विधायकों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
वक्फ संपत्ति क्या है?
वक्फ संपत्तियां वे होती हैं, जो किसी मुसलमान द्वारा धार्मिक, परोपकारी या सामाजिक कार्यों के लिए स्थायी रूप से दान की जाती हैं। इन संपत्तियों का प्रबंधन राज्य वक्फ बोर्डों के माध्यम से किया जाता है। हालांकि, देश में वक्फ संपत्तियों का बहुत बड़ा हिस्सा निष्क्रिय पड़ा है और उनसे होने वाली आमदनी भी कम है। इसका एक बड़ा कारण वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता का अभाव और प्रशासनिक खर्चों का अधिक होना है। इन समस्याओं को हल करने के लिए सरकार ने वक्फ (संशोधन) कानून, 2025 के तहत कई सुधारों की योजना बनाई है।
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वक्फ (संशोधन) कानून के प्रमुख प्रावधान
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वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली में सुधार: इस कानून के तहत वक्फ बोर्डों के कार्यों को अधिक पारदर्शी बनाने के प्रयास किए गए हैं।
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डिजिटलीकरण और रिकॉर्ड की पारदर्शिता: वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जाएगा, ताकि उन पर किसी भी प्रकार के अनधिकृत कब्जे को रोका जा सके।
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स्वामित्व अधिकारों में सुधार: संपत्तियों के स्वामित्व और प्रबंधन में सुधार किया जाएगा, जिससे उनकी बेहतर देखभाल हो सके।
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