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मध्य प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की जांच की प्रक्रिया तेज हो गई है। संशोधित वक्फ कानून के तहत राज्य में 14,986 संपत्तियों का सत्यापन किया जाएगा। भोपाल जिले में अब तक 777 संपत्तियों का सत्यापन पूरा किया जा चुका है। यह कदम वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
क्या है मामला?
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए जा रहे संशोधित वक्फ कानून के तहत, वक्फ संपत्तियों का सत्यापन अब अनिवार्य कर दिया गया है। इस कानून में वक्फ बोर्ड के अधिकार सीमित किए गए हैं और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है। मध्य प्रदेश में वक्फ संपत्तियों की कुल संख्या 23,118 है, जिनमें मकान, दुकानें, प्लॉट और अन्य व्यवसायिक व सार्वजनिक संपत्तियाँ शामिल हैं।
भोपाल में क्या हुआ?
राजधानी भोपाल में इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है। जिले के 81 गांवों में फैली 777 वक्फ संपत्तियों का सत्यापन पूरा हो चुका है। ये संपत्तियाँ हुजूर, बैरसिया और कोलार तहसीलों में स्थित हैं। स्थानीय पटवारियों की मदद से इनका सर्वे कराया गया, जिसमें किरायेदारी और कब्जे का ब्योरा भी दर्ज किया गया।
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि संपत्तियों का डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा ताकि उनका रिकार्ड पारदर्शी ढंग से रखा जा सके।
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क्यों जरूरी है यह सत्यापन?
- कानूनी बाध्यता: संशोधित वक्फ कानून के तहत संपत्तियों का सत्यापन अब जरूरी हो गया है।
- अधिकरण का सीमित अधिकार: वक्फ बोर्ड की शक्तियों में कटौती के साथ ही सही रिकार्ड रखना जरूरी हो गया है।
- भ्रष्टाचार की रोकथाम: गलत किरायेदारी और कब्जे को रोकने के लिए यह प्रक्रिया अहम मानी जा रही है।
- आर्थिक महत्व: राज्य में अरबों रुपये की वक्फ संपत्ति है, जिसका सही प्रबंधन जरूरी है।
आगे क्या होगा?
राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड मिलकर बाकी बचे 14,209 संपत्तियों का भी सत्यापन कराएंगे। इसके लिए राजस्व विभाग की मदद ली जा रही है। सत्यापन के बाद सभी जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। यह कदम ना सिर्फ संपत्तियों के संरक्षण की दिशा में एक बड़ी पहल है, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि इनसे होने वाली आमदनी सही जगह खर्च हो और जरूरतमंदों तक पहुंचे।
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वक्फ संशोधन बिल बन गया कानून
संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद वक्फ संशोधन बिल 2025 अब कानून बन चुका है। लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई है। शनिवार देर रात राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही वक्फ संशोधन बिल अब अस्तित्व में आ गया है, जो कि पूरे देश में लागू होगा। दोनों सदनों में गरमागरम बहस के बाद पारित होने पर बिल को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था।
अब देश में नया वक्फ कानून लागू
संसद के उच्च सदन राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े थे। इससे पहले लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे। विपक्षी दलों ने इसे असंवैधानिक करार दिया और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से इसे वापस लेने की अपील की थी। हालांकि, सरकार का दावा है कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को उनके अधिकार मिलेंगे और समाज में सुधार होगा।
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नए कानून को लेकर सरकार ने किया दावा
नए कानून को लेकर सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का दावा है कि इस नए कानून के तहत मुस्लिम महिलाओं को वक्फ संपत्तियों पर समान अधिकार मिलेगा और वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी। यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों का अहम हिस्सा है। इससे वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारों से वंचित गरीब मुसलमानों को उनके अधिकार मिलेंगे। यह मुस्लिम समुदाय के सामाजिक आर्थिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वक्फ अधिनियम 1923 को किया निरस्त
संयुक्त समिति की रिपोर्ट के बाद दोनों सदनों में वक्फ (संशोधन) विधेयक (2025) पारित किया गया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार, वक्फ प्रॉपर्टी के प्रबंधन से संबंधित हितधारकों के सशक्तिकरण, सर्वेक्षण, पंजीकरण और मामले के निपटान की प्रक्रिया में सुधार लाना है। इसके साथ ही मुसलमान वक्फ अधिनियम- 1923 को भी निरस्त किया गया है।
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