World Bank good news : भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश

वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। हालांकि, भारत के विस्तार की गति धीमी होने की उम्मीद है।

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Ravi Singh
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वर्ल्ड बैंक ( World Bank ) ने भारतीय अर्थव्यवस्था ( India Economy ) के सबसे तेज गति से बढ़ने का अनुमान जताया है। वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार 11 जून को वित्त वर्ष 2025 में भारत के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद ( Gross Domestic Production ) यानी GDP में 6.6% की बढ़ोतरी का अनुमान बरकरार रखा है। वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, इस दौरान मैन्युफैंक्चरिंग और रियल एस्टेट में ज्यादा तेजी देखने को मिलेगी।

भारत का GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा

वर्ल्ड बैंक ने FY2024-25 के लिए भारत का GDP अनुमान 6.6% पर बरकरार रखा है। इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने अप्रैल में भी FY25 के लिए GDP का अनुमान 6.6% बताया था। वर्ल्ड बैंक का कहना है कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। हालांकि, भारत के विस्तार की गति धीमी होने की उम्मीद है।

अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.7% की दर से बढ़ेगी

वर्ल्ड बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 26 में 6.7% और वित्त वर्ष 27 में 6.8% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है। वहीं वित्त वर्ष 24 में नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ( NSO ) ने GDP के 8.2% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है।

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RBI ने GDP अनुमान बढ़ाया, महंगाई अनुमान बरकरार रखा

RBI ने FY25 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.2% किया।

RBI ने वित्त वर्ष 2024-25 का महंगाई अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा।

क्या है GDP 

GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। जीडीपी देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।

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 GDP दो प्रकार की होती है

GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।

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GDP कैसे कैलकुलेट की जाती है 

GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।

घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है

GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। सरकारी खर्च तीसरा है।

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इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नेट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।

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