वर्ल्ड चेस चैंपियन गुकेश की सफलता का मंत्र आत्म-नियंत्रण और योगाभ्यास

भारत के 18 वर्षीय गुकेश ने इतिहास रच दिया। उन्होंने चीन के दिग्गज ग्रैंडमास्टर डिंग लिझेन को मात देकर खिताब जीता। इस जीत के साथ ही गुकेश ने 22 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बने मैग्नस कार्लसन का रिकॉर्ड तोड़ दिया

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Sandeep Kumar
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2024 की फिडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप (FIDE World Chess Championship 2024) में भारत के 18 वर्षीय गुकेश ने इतिहास रच दिया। उन्होंने चीन के दिग्गज ग्रैंडमास्टर डिंग लिझेन को मात देकर खिताब जीता। इस जीत के साथ ही गुकेश ने 22 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बने मैग्नस कार्लसन का रिकॉर्ड तोड़ दिया और दुनिया के सबसे कम उम्र के चैंपियन बन गए। इस चैंपियनशिप का मुकाबला बेहद कड़ा था क्योंकि अंतिम दौर तक दोनों के अंक बराबरी पर थे। लेकिन आखिरी बाजी में डिंग लिझेन की एक गलती ने गुकेश को वर्ल्ड चैंपियन बना दिया।

भारत के ग्रैंडमास्टर गुकेश बने सबसे युवा चेस वर्ल्ड चैंपियन

18 साल का खिलाड़ी कैसे बना चैंपियन?

गुकेश का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने 2015 में गोवा में नेशनल स्कूल चेस चैंपियनशिप जीती और उसके बाद दो और बार इस खिताब को अपने नाम किया। 2019 में वे भारत के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बने और दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर का खिताब भी हासिल किया। इसके बाद उन्होंने स्पेन में अंडर-12 वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप और यूरोपियन चेस क्लब कप जैसे बड़े टूर्नामेंट जीते। इस दौरान उन्होंने कई विश्व स्तरीय खिलाड़ियों को हराकर खुद को साबित किया। 2021 में उन्होंने मैग्नस कार्लसन जैसे दिग्गज खिलाड़ी का सामना किया और खेल को बराबरी पर समाप्त किया।

आत्म-नियंत्रण और योग से पाई सफलता

गुकेश की सफलता के पीछे उनका आत्म-नियंत्रण और योग का अभ्यास है। हाल ही में वर्ल्ड चेस यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में गुकेश ने बताया कि योग ने उनकी मानसिक मजबूती को बढ़ाया। पहले हारने के बाद वे टूर्नामेंट में डटे रहने की हिम्मत नहीं कर पाते थे। लेकिन अब वे सिर्फ 30 मिनट में हार के सदमे से उबर जाते हैं और तुरंत अगली बाजी की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने लगते हैं। उनका यह आत्म-नियंत्रण उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण बना है।

गुकेश की अनोखी आदत और जीवनशैली

गुकेश की पहली चाल चलने से पहले आंखें बंद करने की आदत आज चर्चा का विषय बन गई है। हर खेल में वे अपनी पहली चाल चलने से पहले आंखें बंद कर ध्यान केंद्रित करते हैं। शायद इसी ध्यान की वजह से उन्होंने खुद को वर्ल्ड चैंपियन के तौर पर देखा होगा। उनके करीबी कहते हैं कि गुकेश को दक्षिण भारतीय खाना, खासकर दही-चावल और डोसा बेहद पसंद है। खेल के दौरान भी वे अपनी दिनचर्या और खानपान में कोई बदलाव नहीं करते। उनकी पसंदीदा फिल्में हिंदी सिनेमा की हैं और हाल ही में उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार के साथ परंपरागत कुर्ता-धोती पहनकर रजनीकांत की फिल्म वेट्टैयन के गाने पर डांस भी किया था।

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