अधिकमास के चलते 13 महीनों का होगा 2026, त्योहारों की छुट्टियां भी री-शेड्यूल

अधिकमास के कारण 2026 में 13 महीने होंगे, जिससे सभी त्योहारों की तिथियां बदल जाएंगी। पहले छह महीनों के पर्व 10 दिन पहले और अंतिम छह महीनों के पर्व देरी से मनाए जाएंगे। इस बदलाव का असर शिक्षा (परीक्षा) और व्यापार सहित हर क्षेत्र पर पड़ेगा।

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Manya Jain
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2026 में अधिकमास होने से हिंदू पंचांग के अनुसार त्योहारों की तिथियां बदल जाएंगी। अधिक मास के कारण साल में 13 महीने होंगे। इसके चलते पहले छह महीनों में अधिकांश त्योहार 10 दिन पहले होंगे। वहीं, बाद के छह महीनों में त्योहारों की तिथियां देरी से आएंगी। 

इस बदलाव से न सिर्फ तिथियां प्रभावित होंगी, बल्कि परीक्षा का समय भी बदल सकता है। व्यापारी भी अपनी तैयारी में बदलाव करेंगे। अधिकमास का असर हर क्षेत्र पर होगा और सभी को इसका ध्यान रखना पड़ेगा।

अधिकमास का असर

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2026 में अधिकमास आएगा, जिससे साल 12 के बजाय 13 महीने का होगा। यह बदलाव सूर्य और चंद्रमा के बीच के अंतर के कारण होगा। चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है, जबकि सौर वर्ष 365 दिन का होता है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस अंतर को ठीक करने के लिए हर तीन साल में एक अतिरिक्त माह जोड़ा जाता है। इस माह को पुरुषोत्तम मास  कहा जाता है। इस कारण से त्योहारों की तिथियों में बदलाव होगा।

2026 में होने वाले त्योहारों की तिथियां

पहले 6 माह में आने वाले त्योहार

  • मौनी अमावस्या (Mouni Amavasya): 29 जनवरी 2025 के बजाय 18 जनवरी 2026

  • बसंत पंचमी (Vasant Panchami): 3 फरवरी 2025 के बजाय 23 जनवरी 2026

  • महाशिवरात्रि (Maha Shivaratri): 26 फरवरी 2025 के बजाय 15 फरवरी 2026

  • होली (Holi): 14 मार्च 2025 के बजाय 4 मार्च 2026

  • गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa): 30 मार्च 2025 के बजाय 19 मार्च 2026

  • राम नवमी (Ram Navami): 6 अप्रैल 2025 के बजाय 27 मार्च 2026

16 से 19 दिन बाद आने वाले त्योहार

निम्नलिखित त्योहार 2025 के मुकाबले 16 से 19 दिन बाद होंगे:

  • जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra): 27 जून 2025 के बजाय 16 जुलाई 2026

  • चातुर्मास (Chaturmas): 3 जुलाई 2025 के बजाय 22 जुलाई 2026

  • रक्षा बंधन (Raksha Bandhan): 9 अगस्त 2025 के बजाय 28 अगस्त 2026

  • कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami): 16 अगस्त 2025 के बजाय 4 सितंबर 2026

  • गणेशोत्सव (Ganeshotsav): 27 अगस्त 2025 के बजाय 14 सितंबर 2026

  • शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri): 22 सितंबर 2025 के बजाय 11 अक्टूबर 2026

  • दशहरा (Dussehra): 2 अक्टूबर 2025 के बजाय 21 अक्टूबर 2026

  • दीपावली (Diwali): 20 अक्टूबर 2025 के बजाय 8 नवंबर 2026

मकर संक्रांति पर कम बदलाव

मकर संक्रांति सूर्य के आधार पर मनाई जाती है। यह त्यौहार हर साल 14 जनवरी को आता है। हालांकि कभी-कभी यह 15 जनवरी को भी हो सकता है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इसके साथ ही दिन लंबा और रात छोटी होनी शुरू होती है। भारत में यह पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है

क्यों होता है अधिकमास?

अधिकमास का कारण सौर और चंद्र वर्ष के बीच का अंतर है। चंद्र वर्ष 354 दिन का होता है, जबकि सौर वर्ष 365 दिन का होता है। यह अंतर हर साल बढ़ता जाता है। इसे संतुलित करने के लिए हर तीसरे साल एक अतिरिक्त माह जोड़ा जाता है।

इस अतिरिक्त माह को अधिकमास कहते हैं। अधिकमास का धार्मिक महत्व (धर्म ज्योतिष न्यूज) भी बहुत है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। यह माह विशेष रूप से पूजा और व्रत के लिए माना जाता है।t

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