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Ayodhya Ram Mandir:अयोध्या, प्रभु श्री राम की नगरी एक बार फिर अपने भव्य दीपोत्सव के लिए तैयार है। 18 से 20 अक्टूबर तक होने वाले इस कार्यक्रम में इस साल भी एक नया विश्व रिकॉर्ड बनने वाला है।
इस बार सरयू नदी के घाटों पर 26 लाख से ज्यादा दीये जलाए जाएंगे। यह दीपोत्सव सिर्फ दीये जलाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आधुनिक तकनीक, कला और संस्कृति का एक शानदार मिश्रण देखने को मिलेगा।
पिछले सालों की तरह इस बार का आयोजन और भी भव्य और आकर्षक होगा। पूरे शहर को आकर्षक रोशनी से सजाया जाएगा और राम की पैड़ी पर खास कार्यक्रम होंगे जो भगवान श्री राम के अयोध्या वापसी की कहानी को जीवंत कर देंगे।
क्या होगा इस बार के दीपोत्सव में खास
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस साल के दीपोत्सव में कई नई चीजें शामिल की जाएंगी। इस बार के अयोध्या में दिवाली (ayodhya diwali) शो में मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन, लेजर शो और लाइव आर्टिस्ट परफॉर्मेंस का अद्भुत तालमेल होगा। यह आयोजन सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि परंपरा, तकनीक और कल्पना का एक अनूठा संगम होगा।
- थीमेटिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो: राम की पैड़ी पर एक खास थीमेटिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो होगा। इसमें पिछले दीपोत्सवों के विजुअल्स या म्यूजिक को दोहराया नहीं जाएगा। हर साल की तरह, इस बार भी कुछ नया होगा।
ग्रैंड टेबल्यू: सरयू के जल पर लगभग 200 मीटर या उससे अधिक लंबी चलती-फिरती भव्य झांकियां बनाई जाएंगी। ये झांकियां रामायण की कहानियों पर आधारित होंगी।
लाइव परफॉर्मेंस और कोरियोग्राफी: 100 से ज्यादा कलाकार इस कार्यक्रम में अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। प्रोजेक्शन विजुअल्स, मंच और कोरियोग्राफी का तालमेल लाइव परफॉर्मेंस और लेजर इफेक्ट्स के साथ मिलकर एक शानदार अनुभव देगा।
आतिशबाजी का भव्य प्रदर्शन: दीये जलाने के साथ-साथ, दीपोत्सव पर भव्य आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा, जो आसमान को रंगीन बना देगा।
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विश्व रिकॉर्ड की तैयारी
दीपोत्सव का मुख्य आकर्षण सरयू घाटों पर दीये जलाना है। हर साल यह रिकॉर्ड टूटता है और नया रिकॉर्ड बनता है।
साल | जलाए गए दीयों की संख्या |
2017 | 1.71 लाख |
2018 | 3.01 लाख |
2019 | 4.04 लाख |
2020 | 6.06 लाख |
2021 | 9.41 लाख |
2022 | 15.76 लाख |
2023 | 22.23 लाख |
2024 | 25 लाख |
इस साल, 19 अक्टूबर को 26.11 लाख दीये जलाकर नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इस बड़े काम के लिए लगभग 32,000 स्वयंसेवक मदद करेंगे। दीये बिछाने का काम 11 या 12 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा।
इसके लिए घाटों पर पहले से ही मार्किंग की जाएगी। यह सिर्फ एक रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि यह देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक खास अनुभव है। यह आयोजन अयोध्या की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करता है।
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कैसे पहुंचें अयोध्या नगरी
भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या तक पहुंचना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। हाल ही में शुरू हुए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के कारण, श्रद्धालु हवाई मार्ग से सीधे अयोध्या आ सकते हैं।
एयरपोर्ट से शहर के प्रमुख स्थलों तक पहुंचने के लिए ऑटो और टैक्सी आसानी से मिल जाते हैं। इसके अलावा, ट्रेन से आने वाले यात्रियों के लिए अयोध्या जंक्शन और अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन हैं। ये दोनों स्टेशन देश के बड़े शहरों से जुड़े हुए हैं।
अगर आप अयोध्या राम मंदिर हवाई जहाज से लखनऊ आते हैं, तो वहां से बस या टैक्सी से भी अयोध्या जा सकते हैं। लखनऊ से अयोध्या की दूरी करीब 135 किमी है। अयोध्या का ये दीपोत्सव एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचेगा।
दीये (अयोध्या राम मंदिर कार्यक्रम) जलाने का भव्य नजारा, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल और कलाकारों का शानदार प्रदर्शन इसे एक यादगार आयोजन बना देगा। यह सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और भारत की बढ़ती पहचान का प्रतीक है।
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